NEP विवाद: सीएम स्टालिन ने 'शासक' धर्मेंद्र प्रधान को उनके लोकसभा भाषण के लिए फटकारा
संसद में हंगामे भरे सत्र के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने डीएमके सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि NEP और पीएम श्री योजना को खारिज करके वह छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रही है।;
New Education Policy: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सोमवार (10 मार्च) को संसद में दिए गए भाषण के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने प्रधान पर अहंकार दिखाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का विरोध करने वाले राज्य के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया।
'शासक' प्रधान पर स्टालिन का सवाल
सोमवार को लोकसभा में हंगामे के बीच प्रधान ने डीएमके सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि NEP और पीएम श्री योजना को अस्वीकार कर वह छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रही है।
अपनी तीखी टिप्पणी में, स्टालिन ने कहा, "केंद्रीय शिक्षा मंत्री, जो खुद को किसी शासक की तरह श्रेष्ठता के भाव से बोलते हैं, उन्हें कड़ी फटकार मिलनी चाहिए।" उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधान के बयान का मतलब यह है कि तमिलनाडु के सांसद "असभ्य" हैं क्योंकि वे केंद्र सरकार द्वारा राज्य को शैक्षिक धनराशि आवंटित करने में असफल रहने की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। स्टालिन ने प्रधानमंत्री से पूछा, "आप तमिलनाडु के लोगों का अपमान कर रहे हैं; क्या प्रधानमंत्री इस व्यवहार का समर्थन करते हैं?"
स्टालिन ने समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) के तहत धन जारी करने में देरी को लेकर प्रधान से जवाब मांगा और कहा, "क्या आप स्पष्ट रूप से बता सकते हैं कि छात्रों के लिए आवंटित धन जारी करना संभव है या आप केवल हम पर कर लगाते रहेंगे?" उन्होंने जोर देकर कहा कि तमिलनाडु सरकार "पूरी तरह से जनता की भावनाओं के अनुसार काम करती है" और बाहरी दबावों से प्रभावित नहीं होती। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "हम आपकी तरह नागपुर से मिलने वाले आदेशों के अधीन नहीं हैं।"
इससे पहले, प्रधान ने संसद में डीएमके सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने पीएम श्री योजना के लिए सहमति जताने के बाद "यू-टर्न" ले लिया और राजनीतिक कारणों से तमिलनाडु के छात्रों की शिक्षा को बाधित कर रही है। उनके बयान पर डीएमके सांसदों ने विरोध किया, जिससे सदन की कार्यवाही अस्थायी रूप से स्थगित करनी पड़ी।
तीन-भाषा फॉर्मूले पर टकराव
वर्तमान विवाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्रस्तावित तीन-भाषा फॉर्मूले को तमिलनाडु द्वारा अस्वीकार करने को लेकर है। राज्य इसे हिंदी थोपने का प्रयास मानता है, जो उसकी पहले से लागू दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेज़ी) के खिलाफ जाता है। स्टालिन ने लगातार केंद्र सरकार पर "ब्लैकमेल" करने का आरोप लगाया है, यह दावा करते हुए कि सरकार NEP को लागू करने के बदले धन जारी करने की शर्त रख रही है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री प्रधान ने इसे "झूठा नैरेटिव" बताया है।
जैसे-जैसे यह तनाव बढ़ रहा है, स्टालिन का जवाब तमिलनाडु सरकार की स्पष्ट असहमति को दर्शाता है, जिसे वह केंद्र सरकार की दखलअंदाजी मानती है। यह राज्य और केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ाने का संकेत देता है।