दिल्ली में डॉग कंट्रोल प्रोग्राम होगा स्मार्ट, लापरवाही पर NGOs पर लगेगा जुर्माना
MCD Dog Control: दिल्ली में अब लावारिस कुत्तों को नियंत्रित करने का काम सिर्फ कागजों तक नहीं रहेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी की मदद से ज़मीन पर भी नतीजे दिखेंगे.
Stray Dogs Delhi: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राजधानी में तेजी से बढ़ रही लावारिस कुत्तों की संख्या को काबू में लाने के लिए नसबंदी और टीकाकरण अभियान को और तेज़ करने का फैसला किया है. MCD ने इस अभियान के लिए 13.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. यह पैसा उन 20 पशु जन्म नियंत्रण (Animal Birth Control- ABC) केंद्रों को दिया जाएगा, जहां 20 गैर-सरकारी संगठन (NGO) यह काम कर रहे हैं.
अब तक कितने कुत्तों की हुई नसबंदी?
अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 1,20,264 कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण हो चुका है. वहीं, मार्च से जून 2025 के बीच 42,761 कुत्तों की नसबंदी हुई, लेकिन इनका 4.26 करोड़ रुपये का भुगतान अभी लंबित है. अब MCD ने अप्रैल 2025 से फरवरी 2026 तक फिर से 1.35 लाख कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है.
अब माइक्रोचिप और कैमरों से होगी निगरानी
हालांकि, नसबंदी और टीकाकरण प्रोग्राम के बावजूद दिल्ली के कुछ इलाकों में कुत्तों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में अब हर नसबंद कुत्ते में माइक्रोचिप लगाई जाएगी, ताकि उसका पूरा रिकॉर्ड रखा जा सके. सभी ABC केंद्रों में CCTV कैमरे भी अनिवार्य किए जाएंगे. अगर किसी इलाके में नसबंदी के बावजूद नए पिल्ले पाए जाते हैं तो संबंधित NGO पर कार्रवाई और भुगतान में कटौती की जाएगी.
लापरवाही पर लगेगा जुर्माना
अगर किसी क्षेत्र में रेबीज (Rabies) से किसी की मौत होती है तो उस इलाके का काम करने वाले NGO का 10% भुगतान काटा जाएगा. मादा कुत्तों की नसबंदी को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी.
नई एजेंसियों को मिलेगा मौका
MCD ने यह भी कहा है कि अगर कोई नई एजेंसी इस काम में हिस्सा लेना चाहती है तो वे पूरी परियोजना के लिए बोली (tender) लगा सकती हैं— जिसमें संचालन, रखरखाव और ज़रूरी ढांचा शामिल होगा. MCD का कहना है कि हर साल दिल्ली में इस अभियान पर करीब 13 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, लेकिन अब तक निगरानी कमजोर थी. अब माइक्रोचिप और कैमरे लगने से इस काम पर ठोस और पारदर्शी निगरानी रखी जा सकेगी.