उत्तर प्रदेश में अब कारखानों में महिलाएं कर सकेंगी नाइट शिफ्ट, श्रमिकों को बारह घंटे काम पर मिलेगा तीन वीकली ऑफ
यूपी सरकार ने महिला कामगारों के लिए फैक्ट्री एक्ट में बड़ा बदलाव किया है।अब महिलाएँ ज़रूरी इंतज़ाम के साथ नाईट शिफ्ट कर पाएंगी तो वहीं कामगारों के बारह घंटे काम करने पर तीन वीकली ऑफ मिलेगा।श्रमिकों को बेहतर सुविधा देने के साथ इस बदलाव से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में अब कारखानों में महिलाएँ नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी।इसके लिए उनकी लिखित सहमति ज़रूरी होगी।साथ ही कारख़ाने को उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम करने होंगे। राष्ट्रपति ने कारखाना ( उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 को मंज़ूरी दे दी है।महिलाओं को समान अवसर देने की दृष्टि से यह फ़ैसला अहम है।इसके अलावा कामगारों के लिए कई और बदलाव किए गए हैं।
नाईट शिफ्ट कर सकेंगी महिलाएँ,पर सुरक्षा और सुविधा के लिए इंतज़ाम ज़रूरी-
यूपी की औद्योगिक इकाइयों में महिलाओं के काम के लिए एक अहम बदलाव किया गया है।अब महिलाएँ कारखानों में नाईट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी।राष्ट्रपति ने कारखाना ( उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक को मंज़ूरी दे दी है।इस अधिनियम के तहत किसी कारखाने या औद्योगिक इकाई में यह नियम लागू किया जा सकेगा।लेकिन वहीं इस बात को भी स्पष्ट कर दिया गया है कि महिलाओं के लिए सुरक्षा के इंतज़ाम करने होंगे।
अधिनियम में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि महिलाओं से कारखानों या किसी भी औद्योगिक इकाई में नाईट शिफ्ट कराने पर कौन सी सुविधाएं देनी होंगी।इसके तहत कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखकर कई नियम बनाये गए हैं।अधिनियम के अनुसार कारख़ाने में नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए महिला की लिखित सहमति ज़रूरी होगी।
कार्यस्थल पर सुरक्षा की दृष्टि से रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी।साथ ही कार्यस्थल की सीसीटीवी से निगरानी होगी यानी सीसीटीवी भी लगाना ज़रूरी होगा।महिलाओं के कार्य स्थल पर आने और जाने की पर्याप्त और सुविधाजनक व्यवस्था करनी होगी। जिन औद्योगिक इकाइयों में महिलाएँ काम करेंगी वहाँ महिला सुरक्षा कर्मी और गार्ड की नियुक्ति भी ज़रूरी होगी।ख़ास तौर पर महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थल पर अनिवार्य रूप से शौचालय और विश्राम स्थल की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी उसी जगह उनको उपलब्ध कराना होगा ।
ओवरटाइम की सीमा बढ़ाई गई, 12 घंटे काम करने पर मिलेगा तीन वीकली ऑफ-
कर्मकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए भी कई संशोधन किए गए हैं। अब कर्मकार प्रतिदिन 12 घंटे काम कर सकेंगे लेकिन उनकी साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए।यानि सप्ताह में तीन छुट्टी का प्रावधान करना होगा।इस अधिनियम के तहत अगर कोई कर्मकार निर्धारित समय से ज़्यादा काम करता है तो उसे साधारण मजदूरी की दर से दोगुना भुगतान ओवर टाइम के रूप में करना होगा।इस संशोधन के द्वारा यह बदलाव भी किया गया है अगर काम का दबाव बहुत ज़्यादा हो इस स्थिति में तिमाही आधार पर काम की अधिकतम सीमा 75 से बढ़ाकर 144 घंटे तक की जा सकेगी। राज्य सरकार का मानना है कि यह अधिनियम उत्तर प्रदेश को और सक्षम बनाएगा और औद्योगिक विकास में अहम साबित होगा। साथ ही यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में कारगर साबित होगा।