जिद्दी गर्ल्स पर मिरांडा हाउस की आपत्ति, कहा "हमारी धरोहर को ठेस पहुंचाई गयी"
मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल और छात्रसंघ ने कहा कि अगर सीरीज में कॉलेज का नाम नहीं बदला गया तो फिर क़ानूनी रास्ता अपनाया जायेगा।;
Ziddi Girls Controversy On Miranda House : दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिष्ठित महिला कॉलेज मिरांडा हाउस ने अमेज़न प्राइम की आगामी सीरीज़ जिद्दी गर्ल्स के ट्रेलर पर कड़ी आपत्ति जताई है। कॉलेज प्रशासन और छात्र संघ का कहना है कि सीरीज़ के ट्रेलर में मिरांडा हाउस के छात्रों को गलत तरीके से पेश किया गया है, जो कॉलेज की 77 साल पुरानी धरोहर और प्रतिष्ठा को धूमिल करता है।
सीरीज़ का कथानक और आपत्ति:
जिद्दी गर्ल्स एक काल्पनिक दिल्ली कॉलेज "मैटिल्डा हाउस" (जिसे एमएच के रूप में संदर्भित किया जाता है) पर आधारित है, जिसमें कॉलेज की छात्राओं की जिंदगी, उनकी समस्याएँ और उनके संघर्षों को दिखाया गया है। हालांकि, सीरीज़ के निर्माता यह दावा करते हैं कि यह पूरी तरह से काल्पनिक है, लेकिन मिरांडा हाउस के छात्रों और पूर्व छात्रों को इसमें अपनी कॉलेज की स्पष्ट समानताएँ दिखाई दे रही हैं, विशेषकर "एमएच" के संदर्भ में।
मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल, बिजयालक्ष्मी नंदा ने इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "हम इस चित्रण से बेहद आहत हैं। यह हमारे संस्थान की प्रतिष्ठा और धरोहर को ठेस पहुँचाता है। हम फिल्म निर्माताओं से ट्रेलर को हटाने और 'एमएच' और 'मैटिल्डा हाउस' के संदर्भों को बदलने की मांग करते हैं। अगर वे हमारी बातों का सम्मान नहीं करते, तो हम कानूनी उपायों पर विचार करेंगे।"
छात्र संघ की कड़ी प्रतिक्रिया:
मिरांडा हाउस छात्र संघ (MHSU) ने ट्रेलर के रिलीज़ होते ही कड़ी निंदा की। एक बयान में छात्र संघ ने कहा, "हम जिद्दी गर्ल्स के ट्रेलर में मिरांडा हाउस की गलत छवि प्रस्तुत किए जाने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हैं। यह हमारे संस्थान की 77 साल पुरानी धरोहर को अपमानित और निंदित करता है। हम इसे सहन नहीं करेंगे और निर्माताओं से इसकी तत्काल वापसी की मांग करते हैं।"
छात्र संघ ने आगे यह भी कहा कि कॉलेज प्रशासन ने एक समिति बनाई है जो इस मुद्दे पर विचार कर रही है और निर्माताओं को एक औपचारिक ईमेल भेजा गया है, जिसमें ट्रेलर से संदर्भ हटाने की मांग की गई है।
सोशल मीडिया पर गुस्सा:
इस विवाद के बाद मिरांडा हाउस के छात्रों ने सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। X पर #BoycottZiddiGirls और #RespectMirandaHouse जैसे हैशटैग्स के माध्यम से छात्रों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। कई छात्रों ने लिखा कि इस तरह की गलत प्रस्तुतियाँ उनके कॉलेज की सम्मानजनक छवि को धूमिल करती हैं और उनकी मेहनत और शैक्षिक उत्कृष्टता का अपमान करती हैं।
एक छात्रा ने X पर पोस्ट किया, "मिरांडा हाउस न केवल एक प्रतिष्ठित कॉलेज है, बल्कि यह महिलाओं के शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक प्रतीक है। इस शो का गलत चित्रण हमारे संघर्षों को घटित करता है और यह हमारी संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाता है।"
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की प्रतिक्रिया:
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाई है। डूसू के अध्यक्ष रोनक खत्री ने कहा, "यह शो मिरांडा हाउस की गरिमा पर सीधा हमला है। कॉलेज को यौनिक तरीके से प्रस्तुत करना उनके शैक्षिक उत्कृष्टता और कार्यशक्ति का अपमान है। हम इसकी रिलीज़ पर प्रतिबंध लगाने और सीरीज़ के निर्माताओं से माफी की मांग करते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि सीरीज़ के इस प्रकार के चित्रण से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से उन छात्रों पर जो छोटे शहरों से दिल्ली आकर पढ़ाई करते हैं। खत्री ने दावा किया कि इस तरह की नकारात्मक छवि से लड़कियों के कॉलेजों के प्रति भ्रामक धारणाएँ बन सकती हैं, जो उनके लिए सुरक्षित और सशक्त बनाने वाले स्थान होते हैं।
फिल्म निर्माताओं की प्रतिक्रिया:
अभी तक जिद्दी गर्ल्स के निर्माताओं की ओर से मिरांडा हाउस के विरोध पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, फिल्म के निर्देशक शोनाली बोस पहले ही कह चुके हैं कि सीरीज़ पूरी तरह से काल्पनिक है और इसका उद्देश्य किसी भी संस्थान या व्यक्ति को ठेस पहुँचाना नहीं है।