अयोध्या में रचा गया इतिहास, पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराया केसरिया ध्वज
यह समारोह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी और श्रीराम–सीता विवाह पंचमी के पावन अभिजीत मुहूर्त में आयोजित किया गया। ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है।
अयोध्या का भव्य राम मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो गया और मंगलवार को शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज फहरा दिया। प्रधानमंत्री ने लगभग तीन किलो वजनी ध्वज को रिमोट के जरिए ऊपर चढ़ाया। जैसे ही ध्वज लहराया, मंदिर परिसर में ‘जय श्री राम’ के नारे गूंज उठे। वहां मौजूद साधु-संतों और विशेष मेहमानों ने तालियां बजाकर अपनी खुशी जताई।
शुभ पंचमी पर हुआ ध्वजारोहण
यह समारोह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी और श्रीराम–सीता विवाह पंचमी के पावन अभिजीत मुहूर्त में आयोजित किया गया। ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है। इसका भगवा रंग त्याग और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। ध्वज पर चमकते सूरज का चिह्न (भगवान राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक), कोविदारा पेड़ की तस्वीर और ‘ॐ’ का चिह्न बना हुआ है। ध्वज का आकार तिकोना रखा गया है।
अयोध्या में उत्सव जैसा माहौल
ध्वजारोहण की तैयारियां पिछले एक महीने से चल रही थीं। समारोह के दिन अयोध्या पूरी तरह धार्मिक उत्साह और भक्ति में डूबी दिखाई दी। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में साधु-संतों और भक्तों ने विशेष पूजा-अर्चना की। सुबह होते ही गलियों, घाटों और मंदिरों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
चार दिनों से चल रहे थे वैदिक अनुष्ठान
ध्वजारोहण से पहले मंदिर के अंदर पुजारियों और वैदिक विद्वानों द्वारा लगातार चार दिनों तक विशेष अनुष्ठान किए जा रहे थे। देशभर से आए विद्वान और स्थानीय वैदिक आचार्य इन अनुष्ठानों का हिस्सा बने।
पीएम मोदी ने कई मंदिरों में किया दर्शन
ध्वजारोहण से पहले सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सप्तमंदिर में दर्शन किए। उन्होंने महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा, माता शबरी के मंदिरों में भी सिर झुकाया। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर और फिर सुबह लगभग 11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचे।