तेलंगाना में आखिर मारवाड़ी कारोबारियों के खिलाफ क्यों बन रहा है माहौल?

तेलंगाना में मारवाड़ियों के ख़िलाफ़ बढ़ते विरोध ने समुदाय के सदस्यों को अपनी सुरक्षा और भलाई को लेकर चिंतित कर दिया है।;

Update: 2025-08-23 01:20 GMT
‘मारवाड़ी गो-बैक’ का नारा, जो सबसे पहले रंगारेड्डी ज़िले के अमनगल में उठा था, अब पूरे राज्य में फैल गया है। फोटो: द फ़ेडरल

तेलंगाना में मारवाड़ी व्यापारियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन शुक्रवार (22 अगस्त) को और तेज़ हो गया, जब बड़ी संख्या में स्थानीय (गैर-मारवाड़ी) व्यापारियों ने राज्यव्यापी बंद में हिस्सा लिया और उन्हें राज्य से बाहर निकालने की मांग की। प्रदर्शनकारियों के बीच मारवाड़ी समुदाय के प्रति गुस्सा साफ़ झलक रहा था, जब वे ‘मारवाड़ी गो-बैक’ के नारे लगा रहे थे।

निशाने पर क्यों हैं मारवाड़ी?

मारवाड़ी समुदाय (जो मूल रूप से राजस्थान और गुजरात से आते हैं) के ख़िलाफ़ यह विरोध दरअसल कुछ दिन पहले सिकंदराबाद के मोंडा मार्केट में एक दलित युवक और कुछ मारवाड़ी युवकों के बीच हुई झड़प से शुरू हुआ था। यह छोटा सा विवाद अब बड़े टकराव में बदल गया है, जहाँ स्थानीय व्यापारी मारवाड़ी व्यापारियों को पूरी तरह बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि मारवाड़ी स्थानीय व्यापार पर कब्ज़ा कर रहे हैं और स्थानीय व्यापारियों की आजीविका छीन रहे हैं।

‘मारवाड़ी गो-बैक’ का नारा सबसे पहले रंगारेड्डी ज़िले के अमनगल में गूंजा था, लेकिन अब यह पूरे तेलंगाना में फैल चुका है।

बंद में बड़ी भागीदारी

हालाँकि हैदराबाद में बंद का बड़ा असर नहीं दिखा, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि बाकी इलाकों में यह मज़बूती से लागू हुआ। तीन दिन पहले ही अमनगल के व्यापारियों ने मारवाड़ी समुदाय के ख़िलाफ़ बंद का आह्वान किया था, लेकिन उसे टालकर शुक्रवार को किया गया। कहा जा रहा है कि इस स्थगन और बीच के घटनाक्रम ने शुक्रवार के बंद को और सफल बना दिया।

स्थानीय व्यापारियों ने बड़ी संख्या में बंद में भाग लिया, खासकर नलगोंडा ज़िले के मिर्यालगुड़ा, यदाद्रि भुवनगिरी ज़िले के मोटकुर, ठमकुर और चौटुप्पल, करीमनगर ज़िले के जमीकुंटा, सिद्दीपेट और डब्बक, रंगारेड्डी ज़िले का अमनगल और निज़ामाबाद।

कांग्रेस और बीजेपी मारवाड़ियों के साथ

इस बीच कांग्रेस और बीजेपी ने मारवाड़ी समुदाय को पूरा समर्थन दिया है, जबकि बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) ने कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया। बीआरएस नेताओं ने इसके बजाय कांग्रेस और बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे का राजनीतिक फ़ायदा उठा रहे हैं।

समुदाय ने मांगी सुरक्षा

मारवाड़ियों के ख़िलाफ़ बढ़ते विरोध ने समुदाय के सदस्यों को अपनी सुरक्षा और भलाई को लेकर चिंतित कर दिया है। तेलंगाना अग्रवाल समाज के अध्यक्ष अनिरुद्ध गुप्ता, समुदाय के अन्य प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को राज्य के डीजीपी से मिले और समुदाय की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग की।

मारवाड़ी समुदाय के लोगों को डर है कि केवल उनके कारोबार ही नहीं, बल्कि उनके परिवार भी उन कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ सकते हैं जो उन्हें बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने डीजीपी से पूर्ण पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने की अपील की।

सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा की यह मांग स्थानीय व्यापारियों को और भड़का गई, जिसके कारण शुक्रवार के बंद में बड़ी संख्या में भागीदारी देखने को मिली।

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