पंजाब में AAP का अस्तित्व संकट में, BJP-कांग्रेस क्यों कर रहे हैं ऐसा दावा

दिल्ली विधानसभा में आप को हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन समीक्षा बैठक पंजाब की हो रही है। ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि मामला गंभीर है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-02-11 06:02 GMT

Punjab AAP Review Meeting:  नतीजा दिल्ली का आया और चर्चा पंजाब की हो रही है। अब तक देश में दो जगहों दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार थी। लेकिन दिल्ली में हार के बाद आप की हुकमत का दायरा पंजाब तक सिमट रह गया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों सवाल उठ रहे हैं कि पंजाब की आप ईकाई में सबकुछ ठीक नहीं है। बता दें कि दिल्ली में कपूरथला हाउस में पंजाब आप के सभी विधायक सीएम भगवंत मान के समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने आए हैं। सवाल यह है कि हार की समीक्षा में दिल्ली आप की होनी चाहिए। इसका पंजाब से क्या लेना देना।

पार्टी में दरार को आप ने नकारा
इस तरह की रिपोर्ट आ रही थी कि आप के पंजाब नेतृत्व में दरार बढ़ती जा रही है। कुछ विधायक कथित तौर पर पार्टी के कामकाज से असंतुष्ट हैं और अपने राजनीतिक भविष्य पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, आप सांसद मलविंदर सिंह कांग ने इन दावों को खारिज करते हुए मंगलवार की बैठक को नियमित रणनीति सत्र बताया। कांग ने कहा, यह एक सतत प्रक्रिया है। भविष्य की रणनीति बनाने के लिए सभी इकाइयों से फीडबैक लिया जाता है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चर्चा दिल्ली में आप की हार और पंजाब के 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए आगे की राह पर केंद्रित होगी। भाजपा का मानना है कि 'आप की पंजाब सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी' दिल्ली में 70 में से 48 सीटें हासिल करके आप को सत्ता से बाहर करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब पंजाब में भी आप सरकार के गिरने की भविष्यवाणी कर रही है। यह आप के अंत की शुरुआत है। पंजाब सरकार कमज़ोर है और अंदरूनी असंतोष साफ है। दिल्ली की तरह ही पंजाब में भी लोग AAP के झूठे वादों को नकार देंगे। 

आप की सिर्फ पंजाब में सरकार
पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जहां AAP सत्ता में है, भाजपा इस घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रही है, उसे भरोसा है कि पार्टी अपने गढ़ को बचाने के लिए संघर्ष करेगी।कांग्रेस नेताओं ने भी इस पर अपनी राय रखी है, उनका आरोप है कि पंजाब के शासन पर केजरीवाल के बढ़ते प्रभाव से उनकी पार्टी के भीतर राजनीतिक तख्तापलट हो सकता है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि केजरीवाल लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं, जिससे पंजाब की सरकार में उनकी अधिक सक्रिय भूमिका बनने का रास्ता खुल सकता है।

सवाल यह है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों पंजाब में आप के अस्तित्व पर संकट का दावा कर रहे हैं। दरअसल पिछले साल से यह चर्चा चलने लगी थी कि अरविंद केजरीवाल खुद पंजाब की कमान संभालने के लिए इच्छुक हैं, हालांकि इस तरह की खबर पर आम आदमी पार्टी की दोनों ईकाई यानी पंजाब और दिल्ली ने कभी कुछ नहीं कहा। यानी कि कयासों को फलने फुलने का भरपूर मौका दिया।

ऐसा भी कहा जाता है कि भगवंत मान पंजाब के सीएम हैं। लेकिन शासन कहीं और से संचालित हो रहा था। इससे भी आप का एक खास वर्ग खफा था। अब जब दिल्ली में आप का सफाया हो चुका है उस सूरत में असंतोष को और हवा मिल सकती है, लिहाजा आप के रणनीतिकारों को लगता है कि पंजाब की गद्दी भी हाथ ने ना निकले लिहाजा सतर्कता जरूरी है। 

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