दिल्ली में 'मुख्यमंत्री' आवास को पीडब्लूडी ने किया सील, आप और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप

पीडब्लूडी के अनुसार दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई विशेष आवास आवंटित नहीं है, उपलब्धता के अनुसार आवास का आवंटन होता है, इसलिए ये कहना गलत है कि मुख्यमंत्री आवास सील किया गया. केजरीवाल के जाने के बाद उसका कब्ज़ा पीडब्लूडी को नहीं लौटाया गया था, इसलिए ये कार्रवाई की गयी.

Update: 2024-10-09 14:38 GMT

Delhi CM House : दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. दरअसल इस बार ये विवाद उस सरकारी आवास 6 फ्लैग स्टाफ रोड, को लेकर शुरू हुआ है, जो कथित मुख्यमंत्री आवास है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को उनके मुख्यमंत्री रहते आवंटित किया गया था. आज पीडब्लूडी ने इस प्रॉपर्टी पर टाला लगाते हुए इसे अपने अधिकार में ले लिया है. वहीँ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के कार्यालय ने इस कार्रवाई पर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री आवास खाली कराया गया है, जो उपराज्यपाल ने बीजेपी के इशारे पर किया है.


क्या है मामला
दिल्‍ली सरकार की पीडब्‍ल्‍यूडी विभाग की टीम बुधवार को 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर पहुंची और उस पर ताले लटकाते हुए अपना कब्जा स्थापित कर दिया. आम भाषा में उसे सील कर दिया. पीडब्लूडी ने इस कार्रवाई के पीछे का कारण हैंडओवर की प्रक्रिया का पालन नहीं करने को बताया है.
पीडब्लूडी सूत्रों का कहना है कि दरअसल इस सम्पति का अधिकार या दूसरे शब्दों में कहें मालिकाना हक़ पीडब्लूडी विभाग के पास है. ये सम्पति किसी के नाम पर आवंटित होती है तो उसका ये मतलब नहीं कि वो उसका मालिक हो जाता है. दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि दिल्ली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मुख्यमंत्री के लिए कोई विशेष आवास ( जिसे मुख्यमंत्री आवास की संज्ञा दी गयी हो ) आवंटित नहीं है. जब भी कोई मुख्यमंत्री बनता है तो उस समय उपलब्धता के अनुसार आवास का आवंटन कर दिया जाता है.
तीसरा अहम बिंदु ये है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आवास खाली किया तो उन्हें इसकी चाबियाँ या इसका कब्ज़ा पीडब्लूडी को देना चाहिए था, ऐसा नहीं किया गया.
चौथा बिंदु ये है कि वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी के नाम पर पहले से ही एक आवास आवंटित है तो एक साथ दो दो आवास उनके नाम पर आवंटित नहीं किये जा सकते हैं. 6 फ्लैग स्टाफ रोड वाला आवास अभी आतिशी के नाम पर आवंटित नहीं किया गया है, ऐसे में वो अगर ये कहती हैं कि सीएम हाउस को सील कर दिया गया है तो ये गलत बात है और बेबुनियाद दावा है. वो ये कह रही हैं कि उनका सामन बाहर निकाला गया तो अगर उन्होंने सामन इस प्रॉपर्टी में रखा था तो वो बगैर प्रक्रिया का पालन करते हुए रखा था. इसलिए पीडब्लूडी को ऐसा करना पड़ा है.

भाजपा ने कथित सीएम आवास को लेकर आप को घेरा
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार 9 अक्टूबर की सुबह लगभग सवा 11 बजे ट्वीट करते हुए कहा था कि ''शीशमहल को सील करो !
जब मुख्यमंत्री आतिशी को सरकारी आवास AB-17 मथुरा रोड पहले से ही आवंटित है उसके बावजूद शीशमहल पर ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से कब्जा जमाए बैठी हैं. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के PWD अधिकारियों को शीशमहल की चाबी सौंपने के बजाय आतिशी को क्यों दी?
केजरीवाल की सरकार के अधिकारी जानबूझकर इस गैरकानूनी कब्जे को संरक्षण दे रहे हैं. मैं PWD विभाग से मांग करता हूं कि शीशमहल को तुरंत सील किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए.''
इसके बाद जब पीडब्लूडी ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड वाली प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में ले लिया तो विजेंद्र गुप्ता ने फिर से ट्वीट करते हुए लिखा '' केजरीवाल के शीशमहल पर अवैध पर PWD ने की कार्यवाही।
हमारी माँग पूरी हुई।
शीशमहल सील होने पर हम दिल्लीवासियों को गर्व है।''
वहीँ दिल्‍ली प्रदेश बीजेपी अध्‍यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पाप का घड़ा भर चुका है. आप का भ्रष्‍टाचारी शीशमहल आखिरकार सील हो ही गया.
वीरेंदर सचदेवा ने कहा कि "आज सुबह ही भाजपा ने मांग की थी कि वो भ्रष्‍टाचारी बंगला शीशमहल जिसका सेंक्‍शन प्‍लान पास नहीं हुआ, जिसे अथॉरिटी की तरफ से इसके निर्माण की पूर्णता का प्रमाण पत्र नहीं मिला, उसमें आप कैसे रह रहे थे."
इसके साथ ही सचदेवा ने आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल पर ये आरोप लगाया कि आखिर उस बंगले में ऐसे कौनसे राज दफन हैं, जिसके कारण आपने नियमों का
उल्‍लंघन किया और सरकारी विभाग को चाबी नहीं दी.


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