पुलिस ने कहा- 'मत करो परेड'... RCB ने फिर भी कर दी घोषणा, अब FIR दर्ज
RCB ने 4 जून को विक्ट्री परेड का बिना अनुमति ऐलान किया. पुलिस की सलाह को नजरअंदाज किया गया. पुलिस ने परेड स्थगित करने और रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी थी.;
Bengaluru stampede: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल जीत के बाद आयोजित की गई विक्ट्री परेड पर अब विवाद और दुखद हादसे के बाद सवाल उठने लगे हैं.परेड से पहले की गई एक सोशल मीडिया पोस्ट और उचित अनुमति न होने के चलते 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ उमड़ी, जिससे भगदड़ मच गई और 11 लोगों की मौत हो गई. जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए.
पुलिस से इजाजत नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RCB मैनेजमेंट ने 3 जून को पुलिस से परेड की अनुमति मांगी थी. लेकिन इसके जवाब का इंतजार किए बिना ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 4 जून को परेड का ऐलान कर दिया गया. RCB के ऑफिशियल हैंडल से पोस्ट होते ही यह वायरल हो गया और कुछ घंटों में 10 लाख से ज्यादा बार देखा गया.
पुलिस की चेतावनी भी अनसुनी
सोशल मीडिया पोस्ट के बाद स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई. फ्री एंट्री पास की घोषणा के बाद स्थिति और बिगड़ गई. भीड़ को काबू में रखने के लिए पुलिस को 3 जून की रात से 4 जून की सुबह 4 बजे तक काम करना पड़ा. पुलिस ने आरसीबी को परेड टालने या रविवार को आयोजित करने की सलाह दी थी, ताकि यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सके. लेकिन मैनेजमेंट ने पुलिस की सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया.
RCB पर FIR
इस हादसे के बाद RCB, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी घटना पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया और मामले में कड़ी जांच के निर्देश दिए.
हादसे की वजह?
18 साल के लंबे इंतजार के बाद RCB की पहली जीत से फैंस में खुशी की लहर थी. लेकिन सही योजना और प्रशासन की कमी के चलते यह जश्न मातम में बदल गया. सोशल मीडिया पर भी इस हादसे को लेकर RCB की "मार्केटिंग रणनीति" पर सवाल उठ रहे हैं.