राहुल ने बिहार में 'संस्थागत वोट चोरी' का आरोप लगाया, भाजपा की चुप्पी पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग से जमीनी स्तर पर आकलन की मांग करते हुए कहा कि एसआईआर नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा है।;
By : The Federal
Update: 2025-08-24 15:18 GMT
Protest Against SIR : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर छिड़े विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने रविवार को अररिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि SIR नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है और यह “वोट चोरी को संस्थागत बनाने का तरीका” है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि “65 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए जा चुके हैं, विपक्ष लगातार शिकायत कर रहा है लेकिन भाजपा चुप है। ऐसा इसलिए क्योंकि हटाए गए ज़्यादातर नाम विपक्षी दलों के समर्थकों के हैं।”
विपक्ष की "मतदाता अधिकार यात्रा"
राहुल और राजद नेता तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार में “मतदाता अधिकार यात्रा” पर हैं। यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। करीब 1,300 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 50 को कवर किया जाएगा।
राहुल ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें जनता से भारी समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, “हर दिन हमें ऐसे लोग मिल रहे हैं जिनके नाम गलत तरीके से सूची से हटाए गए हैं। यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चे भी कह रहे हैं – ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’। चुनाव आयोग चाहे तो आकर इन बच्चों से खुद पूछ ले।”
तेजस्वी यादव का पीएम मोदी पर हमला
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधा हमला किया। उन्होंने कहा, “आज देश में प्रधानमंत्री से बड़ा कोई झूठा नहीं है। गया की रैली में उन्होंने दावा किया कि SIR के ज़रिए घुसपैठियों के नाम हटाए जा रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट में दिए चुनाव आयोग के हलफ़नामे में घुसपैठियों का कोई ज़िक्र ही नहीं है। यह सब सिर्फ़ सांप्रदायिक तनाव फैलाने की राजनीति है।”
भाकपा-माले का आरोप: “चुनाव आयोग अब ‘चुनाव चोरी आयोग’ बन गया”
भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने अपने आचरण से अपनी ही प्रतिष्ठा धूमिल कर दी है। आज हर कोई जानता है कि यह अब ‘चुनाव आयोग’ नहीं, बल्कि ‘चुनाव चोरी आयोग’ बन चुका है।”
चुनाव आयोग का रुख
चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को “भ्रामक” बताते हुए खारिज किया है। आयोग का कहना है कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है और मतदाता सूची से नाम हटाने का काम नियमानुसार किया जा रहा है।