कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव में रूडी की बड़ी जीत, 25 साल का दबदबा कायम
बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव में 100+ वोटों से जीत दर्ज कर 25 साल का दबदबा बरकरार रखा, बालियान को कड़ी टक्कर दी.;
बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने संविधान क्लब के प्रबंधन में अपने 25 साल पुराने दबदबे को बरकरार रखते हुए एक बार फिर जीत दर्ज की. उन्होंने पार्टी के ही वरिष्ठ नेता संजीव बालियान को हराया. यह क्लब का अब तक का सबसे कड़ा और हाई-प्रोफाइल चुनाव माना जा रहा था, जिसमें बीजेपी के अमित शाह से लेकर कांग्रेस की सोनिया गांधी तक कई दिग्गजों ने मतदान किया.
रूडी ने देर रात जश्न के बीच मीडिया से कहा कि वे 100 से अधिक वोटों के अंतर से जीते हैं. उनकी पैनल के अन्य उम्मीदवार, जो विभिन्न दलों से थे, ने भी जीत दर्ज की. रूडी ने कहा, "यह सभी सांसदों और उन सभी के लिए खूबसूरत जीत है, जिन्होंने पिछले दो दशकों से टीम के प्रयासों का समर्थन किया, यह एक अद्भुत अनुभव है."
मंगलवार को हुए मतदान में बीजेपी के शाह, जे.पी. नड्डा, कांग्रेस के सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दलों के शीर्ष नेताओं ने वोट डाले. मौजूदा सचिव (प्रशासन) और पांचवीं बार के लोकसभा सांसद रूडी का मुकाबला दो बार के पूर्व सांसद बालियान से था, लेकिन रूडी ने आसानी से जीत दर्ज की.
चुनाव को "बीजेपी बनाम बीजेपी" मुकाबला कहा जा रहा था, क्योंकि दोनों उम्मीदवार एक ही पार्टी से थे. 1,295 वर्तमान और पूर्व सांसदों में से 680 से अधिक वैध वोट पड़े, जो क्लब चुनावों में सबसे अधिक मतदान में से एक रहा. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सहित कई हस्तियों ने मतदान किया.
रूडी का क्लब में लंबे समय से दबदबा रहा है और वे कई बार बिना मुकाबले चुने गए. लेकिन इस बार बालियान, जिन्हें कुछ बीजेपी नेताओं का समर्थन था और जिनकी प्रचार में सांसद निशिकांत दुबे सबसे आगे थे, ने उन्हें कड़ी चुनौती देने का फैसला किया. माना जा रहा है कि विपक्षी दलों से जुड़े कई सदस्यों ने रूडी का समर्थन किया, जबकि बीजेपी के वोट बंटे, जिनमें से कई बालियान के पक्ष में गए.
चुनाव में 14 उम्मीदवारों ने 11 कार्यकारी सदस्यों के पद के लिए भी मुकाबला किया. रूडी और बालियान, भले ही एक ही पार्टी से हों, लेकिन उनकी शख्सियत और पृष्ठभूमि एकदम अलग है.
रूडी एक वाणिज्यिक पायलट हैं और उनका व्यक्तित्व शालीन, परिष्कृत और शहरी अंदाज से भरपूर है. वे संसद की राजनीति में माहिर हैं और सारण लोकसभा सीट से राबड़ी देवी और उनकी बेटी रोहिणी आचार्य जैसे नेताओं को भी हरा चुके हैं. वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बालियान गांवों की सादगी और जमीनी अंदाज के प्रतिनिधि माने जाते हैं, जो बेबाक और मिलनसार स्वभाव के हैं.
यह भी माना जा रहा है कि रूडी के ठाकुर और बालियान के जाट होने से चुनाव में जातीय समीकरण का असर रहा, हालांकि व्यक्तिगत रिश्तों और पर्दे के पीछे की रणनीतियों ने भी अहम भूमिका निभाई.
रूडी ने अपने कार्यकाल में क्लब में कई नई सुविधाएं जोड़ने और आधुनिकीकरण को अपनी उपलब्धियों के रूप में गिनाया, जबकि बालियान का कहना था कि क्लब को सांसदों और पूर्व सांसदों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, न कि "आईएएस और आईपीएस जैसे बाहरी लोगों" पर. संविधान क्लब के अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सचिव का पद क्लब के संचालन में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.