तिहाड़ में बंद राशिद इंजीनियर की दहाड़, बारामूला में दिलचस्प लड़ाई

बारामूला से नेशनल कांफ्रेस की तरफ उमर अब्दुल्ला और पीपल्स कांफ्रेंस की तरफ से सज्जाद लोन चुनाव लड़ रहे हैं.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-17 07:49 GMT

Rashid Engineer News: टेलीविजन स्क्रीन पर आप एक चेहरे को बार बार देखते रहे होंगे. नाम राशिद इंजीनियर हैं. बारामुला लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में बंद हैं. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भी किस्मत आजमा रहे हैं. उनकी जीत को आसान भी बताया जा रहा था.हालांकि अब्दुल राशिद शेख (इनके प्रशंसक वॉयस ऑफ कश्मीर कहते हैं) की एंट्री के बाद लड़ाई कठिन हो चुकी है. राशिद, उत्तर कश्मीर के लांगेट इलाके के रहने वाले हैं. इन्हें लोग बिना लागलपेट अपनी बात रखने वाला नेता भी बताते हैं. लेकिन चुनावी मैदान में उतरने के बाद पीपल्स कांफ्रेस के उम्मीदवार सज्जाद लोन और उमर अब्दुल्ला के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.

चुनावी मैदान में राशिद

राजनीति में आने से पहले राशिद कंस्ट्रक्शन इंजीनियर थे. इलाके के लोग उन्हें धीरे धीरे राशिद इंजीनियर के नाम से जानने लगे. इन्होंने अवामी इत्तेहाद पार्टी बनाई और 29 अप्रैल को नामांकन दाखिल किया था. फिलहाल इनकी पार्टी चुनाव आयोग में रजिस्टर नहीं है.अगर दूसरे उम्मीदवारों की बात करें तो एनसी उमर अब्दुल्ला और पीपल्स कांफ्रेंस से सज्जाद लोन चुनाव मैदान में हैं. सज्जाद लोन और राशिद इंजीनियर दोनों घाटी के कुपवाड़ा जिले से आते हैं. पीडीपी उम्मीदवार फैय्याज मीर का भी नाता कुपवाड़ा से है. सज्जाद लोन की पकड़ जहां हंदवाड़ा में वहीं राशिद की पकड़ लंगेट में है.

2019 में राशिद ने चौंकाया

2019 के चुनावी नतीजों ने सबको चौंका दिया था. राशिद इंजीनियर 22 फीसद मत पाने में कामयाब हुए थे. हालांकि तीसरे नंबर पर रहे. लेकिन पीडीपी उम्मीदवार से आगे रहे, 2019 में यह सीट नेशनल कांफ्रेंस के खाते में गई जहां से मोहम्मद अकबर लोन जीतने में कामयाब रहे. यहां पर राशिद के चुनाव लड़ने को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि राशिद को जितने भी मत हासिल होंगे उससे पीपल्स कांफ्रेंस को नुकसान होगा. लेकिन कुछ का मानना है कि इनकी वजह से उमर अब्दुल्ला की राह आसान नहीं रहने वाली है.

क्या है जानकार राय

पत्रकार मुफ्ती इस्लाह का कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए आपके पास पूरे संसाधन होने चाहिए. अगर आप राशिद इंजीनियर के कैंपेन को देखें उनके पास इन चीजों का अभाव है. अभी राशिद के पास जो संसाधन हैं उसके जरिए वो 30 हजार मत हासिल कर सकते हैं. ऐसी सूरत में उमर अब्दुल्ला के लिए चुनाव जीतना आसान होगा. रियाज अहमद नाम के दूसरे राजनीतिक विश्लेषक के मुताबिक नेशनल कांफ्रेंस मजबूत स्थिति में है. जहां तक राशिद इंजीनियर की बात है वो लंगेट में कुछ नुकसान कर सकते हैं जहां के वो रहने वाले हैं.

बारामूला में कुल 18 विधानसभा

बारामूला लोकसभा चार जिलों कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, बडगाम में फैली है और कुल 18 विधानसभाएं हैं. करनाह,त्रेगाम, लोलाब, कुपवाड़ा, हंडवाड़ा और लंगेट कुपवाड़ा में है. उड़ी, बारामुला, सोपोर, राफियाबाद, गुलमर्ग, वगूरा क्रिरी, पट्टन ,बारामूला में है. सोनावाड़ी, बांदीपोरा, गुरेज एसटी,बांदीपोरा में है, बड़गाम और बीरवाह बड़गाम में है.

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