आतंकी डॉक्टरों का नेटवर्क, लाल किला विस्फोट ने खोली दहशत की परतें
दिल्ली के लाल किले धमाके की जांच में फरीदाबाद व पुलवामा के डॉक्टरों के आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। UAPA के तहत केस दर्ज और NIA-NSG जांच में जुटी है।
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास सोमवार (11 नवंबर) को हुए भीषण कार धमाके में 12 लोगों की मौत और कई गंभीर रूप से घायल होने की घटना अब आतंकवाद के कोण की ओर मुड़ रही है। खुफिया एजेंसियों और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा, सहारनपुर और फरीदाबाद में हुई गिरफ्तारियों, पूछताछ और सुरागों को जोड़ने के बाद जांच इस दिशा में आगे बढ़ी है।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को यूएपीए (UAPA) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि इस विस्फोट को पूर्ण रूप से आतंकी हमला माना जा रहा है ऐसा हमला जो लगभग डेढ़ दशक बाद फिर से दिल्ली की सरज़मीं पर हुआ है।
फरीदाबाद अस्पताल के डॉक्टर की गिरफ्तारी से जुड़ा तार
खुफिया सूत्रों के अनुसार, कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले डॉक्टर मुअज्ज़मिल अहमद गनई, जो फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में कार्यरत थे, को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह गिरफ्तारी लाल किले के पास हुए धमाके से जुड़ी बताई जा रही है। गनई पर श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के समर्थन में पोस्टर लगाने का आरोप था। पुलिस ने उसके फरीदाबाद के धौज गांव स्थित किराए के मकान से 358 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था।
इससे पहले 30 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से डॉक्टर अदील मजीद राठर को गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, उसकी पूछताछ के आधार पर ही गनई तक पुलिस पहुंची। पुलिस ने एक महिला डॉक्टर की स्विफ्ट डिज़ायर कार से एक AK-47 रायफल भी बरामद की है, जो कश्मीर की ही निवासी है। उससे यह पता लगाने के लिए पूछताछ जारी है कि क्या वह भी इस मॉड्यूल में सक्रिय भूमिका निभा रही थी।
दो डॉक्टरों के बीच नेटवर्क का पर्दाफाश
खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि फरीदाबाद और सहारनपुर के दोनों डॉक्टर, जो जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGH) से जुड़े बताए जा रहे हैं, कश्मीर के एक मेडिकल कॉलेज से निकले ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी नेटवर्क का हिस्सा हैं यानी ऐसे शिक्षित लोग जो पेशेवर पहचान के पीछे छिपकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
संभावित बमबाज़: डॉ. उमर नबी
पुलिस ने अब तीसरे डॉक्टर डॉ. उमर नबी की पहचान की है, जो गनई की गिरफ्तारी के बाद लापता हो गए थे। पुलिस का मानना है कि वही व्यक्ति था जिसने लाल किले के पास कार बम विस्फोट को अंजाम दिया और खुद भी धमाके में मारा गया।
CCTV फुटेज में उसे ह्युंडई i20 कार चलाते हुए देखा गया है, जो बाद में आग के गोले में तब्दील हो गई। जांच में पता चला है कि कार में अकेला यात्री ही मौजूद था। पुलिस ने पुलवामा में उमर की मां और भाइयों को हिरासत में लिया है, जिनके डीएनए नमूने शव के अवशेषों से मिलाए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में कई और संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। सूत्रों के अनुसार, उमर नबी को लगा था कि उसकी गिरफ्तारी तय है, इसलिए उसने आईईडी (Improvised Explosive Device) से लैस कार में आत्मघाती हमला कर दिया।
धमाका और दहशत का मंजर
सोमवार शाम 6:55 बजे, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी सफेद ह्युंडई i20 (HR-26CE-7674) अचानक धमाके के साथ फट गई। आग के गोले ने आसपास के वाहनों को चपेट में ले लिया, सड़क पर मलबा और लाशें बिखर गईं।
जबकि दो दर्जन गंभीर रूप से घायल हुए। मृतकों में उत्तर प्रदेश से आए एक पर्यटक परिवार के सदस्य भी शामिल थे। घायलों को गंभीर झुलसने की हालत में एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कौन था डॉ. उमर?
डॉ. मोहम्मद उमर, जिनका जन्म 24 फरवरी 1989 को पुलवामा जिले के कोईल गांव में हुआ था, को पुलिस मुख्य साजिशकर्ता और बमवाज़ मान रही है। वे श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई कर चुके थे।
वे पहले अनंतनाग सरकारी अस्पताल में सीनियर रेज़िडेंट डॉक्टर थे और बाद में अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में फैकल्टी के रूप में कार्यरत थे।उनकी कार की खरीदारी कड़ी का पता लगाने पर मालूम हुआ कि यह वाहन पहले मुहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड था, फिर तारीक (पुलवामा निवासी) के पास पहुंचा और अंततः उमर के पास आया लेकिन रजिस्ट्रेशन अब भी सलमान के नाम पर था।
सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा अभियान
धमाके के बाद उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अब तक सुरक्षा एजेंसियों ने 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की है जिसमें 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, हथियार, पिस्तौल, तीन मैगज़ीन और गोला-बारूद शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह मॉड्यूल मध्य-2024 से सक्रिय था और हवाला नेटवर्क के ज़रिए फंडिंग प्राप्त करता था। भर्ती का काम ऑनलाइन जिहादी फोरम्स के माध्यम से किया जा रहा था।
इस मामले में यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) तथा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने संयुक्त जांच संभाल ली है।
गृह मंत्रालय की सख्त चेतावनी
मंगलवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आईबी, दिल्ली पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुखों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने कहा किसी को छोड़ा नहीं जाएगा, यह नेटवर्क यहीं खत्म होगा। दिल्ली, मुंबई और श्रीनगर में उच्च स्तरीय अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने की दिशा में जुटी हैं।