संजय राउत को हुई गंभीर बीमारी, डॉक्टर्स ने भीड़ से दूर रहने की दी सलाह

संजय राउत ने कहा कि उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्या का पता चला है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि नए साल तक उनका इलाज शुरू हो जाएगा।

Update: 2025-10-31 16:18 GMT

Sanjay Raut : शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को बताया कि उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्या का पता चला है और डॉक्टरों ने फिलहाल उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल न होने और भीड़ से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है।

राउत ने कहा कि हालांकि हालात गंभीर हैं, लेकिन वे पूरा विश्वास रखते हैं कि जल्द ठीक होकर नए साल तक फिर से सक्रिय राजनीति में लौट आएंगे।


इलाज शुरू, जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद

राउत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर एक बयान साझा करते हुए लिखा कि आप सभी ने हमेशा मुझ पर भरोसा और स्नेह जताया है, जिसके लिए मैं आभारी हूं। हाल ही में मुझे एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का पता चला है। इलाज शुरू हो चुका है और मुझे विश्वास है कि मैं जल्द ठीक हो जाऊंगा।

उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, मुझे बाहर जाने या सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से परहेज करने को कहा गया है। मैं इन निर्देशों का पालन करूंगा और उम्मीद करता हूं कि नए साल तक पूरी तरह स्वस्थ होकर आप सभी से फिर मिलूंगा। कृपया मुझे अपनी दुआओं में याद रखें।


विपक्ष के प्रदर्शन में नहीं होंगे शामिल

संजय राउत महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्ष की ओर से सबसे मुखर और तीखे आलोचक माने जाते हैं। वह अक्सर मीडिया से बातचीत कर सत्ताधारी दल बीजेपी और उसके सहयोगियों पर निशाना साधते रहे हैं। राउत 1 नवंबर को चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्षी दलों के प्रस्तावित प्रदर्शन में शामिल होने वाले थे, लेकिन अब स्वास्थ्य कारणों से वे इसमें हिस्सा नहीं ले सकेंगे।


बीजेपी पर फिर साधा निशाना

हाल ही में संजय राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया था, जिसमें शाह ने कहा था कि बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी ताकत के दम पर खड़ी है। राउत ने इसे बीजेपी के सहयोगियों एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के लिए अपमानजनक बताया।

उन्होंने कहा कि अगर इन नेताओं में आत्मसम्मान बचा है तो उन्हें सरकार छोड़ देनी चाहिए। राउत ने यह भी याद दिलाया कि बीजेपी का महाराष्ट्र में उदय शिवसेना के समर्थन से ही हुआ था, जब बालासाहेब ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर उनका साथ दिया था।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी कभी भी अकेले सत्ता में नहीं आई, कभी बिहार में नीतीश कुमार के सहारे तो कभी महाराष्ट्र में शिवसेना के सहयोग से।


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