कमल हासन की 'Thug Life' को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड से पास फिल्म 'Thug Life' को रोका नहीं जा सकता। कमल हासन की टिप्पणी पर बहस हो सकती है, लेकिन फिल्म पर बैन गलत है।;
मंगलवार, 17 जून को सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता-राजनीतिज्ञ कमल हासन की नई फिल्म 'Thug Life' के संबंध में स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि यह फिल्म कानून के अनुसार देशभर में रिलीज़ होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का यह बयान तब आया जब कर्नाटक में इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। दरअसल, कमल हासन द्वारा कन्नड़ भाषा को लेकर की गई एक टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है। हालांकि यह फिल्म 5 जून को देशभर में रिलीज़ हो चुकी है, लेकिन कर्नाटक में इसे रोका गया, जिससे विवाद और गहराया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मौलिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने की बात कही। कोर्ट ने कहा, “अगर अभिनेता कमल हासन ने कुछ कहा है, तो लोग उस पर बहस कर सकते हैं, लेकिन इससे फिल्म की स्क्रीनिंग को रोका नहीं जा सकता। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड (CBFC) से प्रमाणन मिल चुका है, तो उसे प्रदर्शित होने से नहीं रोका जा सकता। अदालत ने कर्नाटक सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि जब फिल्म को कानूनी मंजूरी मिल चुकी है, तब उसकी स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की धमकियों से निपटने में राज्य सरकार क्यों विफल रही।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्यों कमल हासन से माफी की मांग की। साथ ही ‘Thug Life’ से संबंधित केस को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया और कर्नाटक सरकार को 24 घंटे के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया।