संदेशखाली पर ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा राज्य सरकार किसी को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है? ममता सरकार ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जाँच के आदेश के खिलाफ दायर की थी याचिका

Update: 2024-07-08 07:26 GMT

Sandeshkhali: सन्देशखली में महिलाओं के यौन शोषण /ज़मीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलो की जांच CBI को सौंपे जाने के कलकत्ता HC के आदेश के खिलाफ ममता सरकार की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की इस याचिका पर सवाल उठाते हुए ये टिपण्णी भी की कि सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है.

सन्देशखाली को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाई गयी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ⁠42 मामलों को CBI को ट्रांसफर करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए. दरअसल, इस मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को झटका देते हुए संदेशखाली केस की सीबीआई जांच करने का फैसला सुनाया था और कहा था कि जांच की निगरानी खुद कलकत्ता हाईकोर्ट करेगी. इस फैसले के खिलाफ ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लगाई अपनी याचिका में राज्य सरकार ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र का मनोबल गिराया है.

संदेशखाली मामला क्या है

5 जनवरी को जब ईडी की टीम जाँच के लिए संदेशखाली पहुंची थी तो वहां पर ईडी की टीम पर हमला कर दिया गया था. इस हमले का आरोप शाहजहाँ शेख पर लगा और ये कहा गया कि उसी के इशारे पर जाँच एजेंसी की टीम पर भीड़ ने हमला किया था. इसके बाद इस हमले की जाँच सीबीआई कर रही है. शाहजहां शेख और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप भी है. जब विवाद काफी बढ़ गया तो टीएमसी ने शाहजहां को पार्टी से निलंबित कर दिया. 

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