बदमाशों ने मारी गोली, फिर भी जख्मी हालात में ड्राइवर ने 5 किमी चलाई गाड़ी, 15 यात्रियों की बचाई जान

जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती संतोष सिंह को लेकर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि गोली लगने से उनकी पूरी आंत डैमेज हो गई है.;

Update: 2024-12-07 03:29 GMT

jeep driver Santosh Singh: बिहार के भोजपुर जिले के हेमतपुर के शांत गांव में एक बहादुरी की एक कहानी सामने आई है. यहां संतोष सिंह नाम के एक ड्राइवर ने साहस का ऐसा परिचय दिया कि लोग दांत तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाएंगे. पेट में गोली लगने के बावजूद जीप चालक संतोष सिंह गाड़ी में बैठे 15 यात्रियों बचाने में सफल रहा. हालांकि, अब वह खुद आरा के एक निजी अस्पताल में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के झौआ गांव के समीप बुधवार देर रात बाइक सवार हथियारबंद बदमाशों ने तिलक समारोह से लौट रहे एक जीप चालक को चलती गाड़ी पर गोली मार दी. गोली लगने के बाद ड्राइवर पांच किलोमीटर तक जीप में सवार 15 लोगों लेकर भाग निकला।. चालक को जख्मी हालत में आरा शहर के बाबू बाजार स्थित शांति मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जख्मी चालक धोबहां थाना क्षेत्र के हेमतपुर गांव निवासी है.

वारदात के बारे में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि संतोष सिंह अपनी खुद का कमांडर गाड़ी चलाते हैं. बुधवार की रात धोबहां थाना क्षेत्र के शुकुलपुरा गांव निवासी मिट्ठू साव की बेटी के तिलक में एक कमांडर पर करीब पंद्रह लोग सवार होकर बहरोनपुर थाना क्षेत्र के रामदतही गांव गए हुए थे. कार्यक्रम खत्म होने के तिलक समारोह से वापस अपने गांव जा रहे थे, तभी झौआ गांव के समीप एक बाइक पर सवार दो हथियाबंद बदमाश गाड़ी के बगल में अपनी बाइक चलाने लगे. तभी पीछे बैठा एक बदमाश ने पिस्टल निकालकर चलती गाड़ी पर गोली मार दी. गोली मारने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए. वहीं, संतोष सिंह जख्मी हालात में ही गाड़ी चलाते रहे. पांच किलोमीटर तक गाड़ी चलाने के बाद सवारियों को बताया कि उन्हें गोली लग गई है.

जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती संतोष सिंह को लेकर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि गोली लगने से उनकी पूरी आंत डैमेज हो गई है. उनका बड़ा ऑपरेशन हुआ है और डैमेज हिस्सों को ठीक कर दिया गया है. लेकिन उन्हें कम से कम एक हफ्ते तक निगरानी में रखा जाएगा. फिलहाल उनकी हालत स्थिर है.

वहीं, जगदीशपुर के एसडीपीओ का कहना है कि हम इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और वैज्ञानिक जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) और जिला खुफिया इकाई (डीआईयू) की टीमों को लगाया है. हमने रास्ते में गहन जांच की और अपराधियों की पहचान करने के लिए स्थानीय लोगों से मदद मांगी. सिंह की गाड़ी ही एकमात्र निशाना नहीं थी. तिलक समारोह से लौट रहे काफिले में शामिल दो अन्य वाहनों को भी निशाना बनाया गया था, उसके बाद ड्राइवर को गोली मार दी गई.

उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक वाहन के टायर से छर्रे बरामद किए हैं. हमारे निष्कर्षों के आधार पर, ऐसा लगता है कि गोलीबारी में मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति शामिल हो सकता है. क्योंकि स्थानीय लोगों ने स्केच दिखाए जाने के बाद पुष्टि की कि संदिग्ध बदमाश उस इलाके का नहीं है. आगे की जांच चल रही है. सिंह के परिवार ने बिहिया पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. लेकिन किसी पर आरोप नहीं लगाया है और किसी से दुश्मनी नहीं होने की बात कही है.

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