SIR के लिए बीजेपी ने ‘तिकड़ी’ को सौंपा ज़िम्मा, सभी 1.62 लाख बूथों पर होंगे बीएलए, सहयोग करेगी बूथ समिति

यूपी में शुरू हुए SIR में बीजेपी ने अपनी मज़बूत बूथ संरचना से लाभ लेने की रणनीति तैयार की है।तीन पदाधिकारियों की जवाबदेही होगी जबकि मंत्री-विधायक और पार्टी पदाधिकारी भी इस पर नज़र रखेंगे।चुनाव की तर्ज़ पर हर बूथ की मॉनिटरिंग रोज़ाना होगी।इसमें कोई कोर-कसर न रह जाए इसके लिए पार्टी ने अपने 2 लाख 15 हज़ार सक्रिय सदस्यों को इस काम में लगा दिया है

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-11-04 10:22 GMT
विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर बीजेपी ने कार्यकर्ताओं को दिए हैं स्पष्ट निर्देश

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में बीजेपी की ‘तिकड़ी’ अहम भूमिका निभाएगी। 15.44 करोड़ मतदाताओं की सूची की पड़ताल करने में आयोग के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के साथ राजनीतक दलों के बीएलए( BLA) भी सक्रिय दिखाई पड़ने वाले हैं। इस बीच सत्तारूढ़ बीजेपी ने प्रदेश के ज़्यादातर बूथों पर अपनी मज़बूत संगठनात्मक ढांचे का पूरा फ़ायदा उठाने की रणनीति तैयार कर ली है।

पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि एक भी पात्र मतदाता न छूटे इसके लिए पार्टी का नेटवर्क काम करेगा।बीजेपी में अपने 2 लाख 15 हज़ार सक्रिय सदस्यों को ज़मीन पर उत्तर दिया है।पिछले कुछ साल से फ़र्ज़ी वोट की शिकायत को देखते हुए फ़र्ज़ी या दोहराव वाले वोटों को हटाने में भी बीजेपी की यह रणनीति अहम साबित हो सकती है।

बीजेपी में ‘तिकड़ी’ को बनाया जवाबदेह

चुनाव में बीजेपी का ख़ास अभियान ‘ मेरा बूथ सबसे मज़बूत’ मंगलवार से शुरू होने वाले मतदाता सूची पड़ताल में भी असर दिखा सकता है। एसआईआर ( SIR 2.0) को देखते हुए उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने बूथ स्तर पर बड़ी तैयारी की है।चुनाव आयोग के BLO घर घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे।उनके साथ समन्वय के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट ( BLA) भी सक्रिय रहेंगे।

ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी ने हर बूथ पर मौजूद अपनी ‘तिकड़ी’ को ज़िम्मेदारी सौंप दी है। BLA-1 के तौर पर विधानसभा संयोजकों को अधिकृत बीएलए बनाया गया है और उनकी सूची आयोग को दी गई है। उसके साथ BLA-2 यानि बूथ स्तर पर एजेंट और बूथ प्रवासी को अहम ज़िम्मेदारी दी गई है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम न छूटे ।

बीजेपी की रणनीति का केंद्र बिंदु बूथ-स्तरीय प्रबंधन रहा है। स्थानीय निकाय से लेकर लोकसभा चुनाव तक पार्टी के चुनाव जीतने का आधार भी काफ़ी हद तक बूथ मैनेजमेंट रहा है।इस बार चुनाव से पहले ही बीजेपी के बूथ प्रबंधन और तकरीबन हर बूथ पर मौजूद ढांचे की परीक्षा एसआईआर के दौरान होगी। पार्टी ने इसके लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की है।

हाल ही में इस रणनीति को मज़बूती देने के लिए SIR कार्यशाला भी आयोजित की गई जिसमें पार्टी ने पदाधिकारियों को अहम निर्देश दिए गए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने इस कार्यशाला में पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि हर बूथ पर पार्टी की टीम पूरी तरह से सक्रिय रहे।चुनाव आयोग के बीएलओ के साथ मिलकर काम करने में पार्टी के तीन पदाधिकारियों का रोल अहम होगा।

हर विधानसभा में BLA-1 होगा।विधानसभा संयोजक के भरोसे विधानसभा क्षेत्र के एसआईआर को देखने और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी होगी जिसे वो रोज़ाना करेंगे।हर बूथ पर एक और बूथ लेवल एजेंट ( BLA-2) होंगे।इनकी भूमिका सबसे अहम होगी क्योंकि गणना फ़ार्म्स को भरवाने से लेकर किसी भी तरह की कमी को देखने की ज़िम्मेदारी होगी।

पार्टी ने बूथ रणनीति का विस्तार करते हुए ‘प्रवासी’ भी तय कर दिए हैं। ये प्रवासी उस बूथ या शक्ति केंद्र ( 4-5 बूथों से बने ) के न होकर दूसरे शक्ति केंद्रों के होंगे। बीजेपी के एक प्रदेश पदाधिकारी में बताया कि कोई भी चुनाव को ‘प्रवासी’ की भूमिका बहुत अहम रही है क्योंकि वो उस स्थानीय राजनीति से बाहर होते हैं। इस तिकड़ी के साथ हर बूथ में मौजूद बूथ समिति भी सहयोग करेगी हालाँकि मुख्य ज़िम्मेदारी और जवाबदेही इन्हीं तीन पदाधिकारियों की होगी।

हर स्तर पर होगी मॉनिटरिंग

बीजेपी ने न सिर्फ बूथ नेटवर्क को एसआईआर के लिए सक्रिय किया है बल्कि इसकी मॉनिटरिंग के लिए विधानसभा से बूथ स्तर तक में ‘वॉर रूम’ भी बनाए गए हैं। यहाँ से रोज़ाना इस बात को मॉनिटरिंग होगी कि किसी बूथ पर कितने गणना फॉर्म जमा हुए। कितने लोग अभी नहीं जमा कर पाएं हैं। विधानसभा के अलावा, मंडल और शक्ति केंद्र स्तर पर भी मॉनिटरिंग होगी।

बीजेपी हाल के चुनावों में कई ऐसी इलाक़ों में फ़र्ज़ी वोटिंग की शिकायत चुनाव आयोग से करती रही है।जानकारी के अनुसार एसआईआर में उन फ़र्ज़ी या डुप्लीकेट नामों को हटवाने पर भी ज़ोर रहेगा।हालांकि बीजेपी के एक प्रदेश पदाधिकारी कहते हैं ‘नाम हटाने के लिए तो आयोग के बीएलओ पड़ताल करेंगे ही, पर पार्टी का ज़ोर पात्र मतदाताओं का नाम जुड़वाने पर है।जिससे कोई नाम न छूटे। ख़ास तौर पर जो 18 वर्ष पूर्ण कर मतदाता बनने के लिए तैयार हैं उनका नाम ज़रूर शामिल हो।’ सभी क्षेत्रों के संयोजकों को भी इनकी समीक्षा के लिए निर्देश दिया गया है।पाँच दिन और साप्ताहिक समीक्षा होगी।

जिन बूथों पर कमजोर, वहाँ विशेष ध्यान

बीजेपी सभी 1 लाख 62 हज़ार बूथों पर मौजूदगी का दावा करती है लेकिन पार्टी सूत्र बताते हैं कि मुस्लिम और यादव बहुल इलाक़ों मिस्टर पार्टी कई बूथों पर कमज़ोर है।ऐसे में दूसरे बूथों और शक्ति केंद्रों के पदाधिकारियों को वहाँ लगाया जाएगा।पार्टी आम तौर पर अभियानों के लिए लोगों से संपर्क करती है।SIR को भी पार्टी ऐसा ही अभियान मान रही है।इससे पार्टी न सिर्फ इस अभियान पर नज़र रखेगी बल्कि पार्टी की योजना है कि लोगों के बीच जाने से 2027 से पहले ज़मीनी पकड़ भी मज़बूत होगी।

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