हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत
उत्तराखंड के हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए।;
Haridwar Mansa Temple Stampede: उत्तराखंड के धार्मिक नगर हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह एक दुखद घटना घटी, जिसने तीर्थ यात्रा की भीड़-प्रबंधन व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ जमा होने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा कि हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है।स्थानीय पुलिस तथा अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।
भीड़ का दबाव बना हादसे की वजह
रविवार का दिन होने के कारण मंदिर में भक्तों की संख्या सामान्य से कई गुना अधिक थी। सुबह दर्शन के लिए चढ़ती भीड़ के बीच अचानक अफरा-तफरी मच गई जिसके बाद भगदड़ जैसे हालात बन गए। मंदिर का रास्ता संकरा और खड़ी चढ़ाई वाला है जिससे नियंत्रित भीड़ प्रबंधन न होने की स्थिति में बेकाबू हो गई।
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि वे स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि अब तक 6 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है।
अफरातफरी के बाद की स्थिति
घटना के बाद मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में भय और दुख का माहौल बन गया है। श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और मंदिर तक पहुंच को सीमित किया गया है। स्थानीय प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए विशेष उपायों पर विचार कर रहा है।
क्यों दोहराई जाती हैं ऐसी त्रासदियां?
भारत के कई प्रसिद्ध तीर्थस्थलों पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और समयबद्ध दर्शन की स्पष्ट व्यवस्था का अभाव ऐसी घटनाओं को बार-बार दोहराने देता है। मनसा देवी मंदिर कोई अपवाद नहीं है। सवाल यह है कि क्या बार-बार होने वाली ऐसी दुर्घटनाओं से हम कोई स्थायी सबक लेंगे?तीर्थ स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक, डिजिटाइज्ड प्रवेश प्रणाली और प्रशिक्षित आपातकालीन बल अब विकल्प नहीं, आवश्यकता बन चुके हैं।