तमिल पहचान या हिंदू विरासत? वल्लुवर कोट्टम पर DMK बनाम BJP आमने-सामने
राजनीतिक तौर पर इसका असर क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल चेन्नई का वल्लुवर कोट्टम एक सांस्कृतिक केंद्र बनकर उभरा है, जो तमिल पहचान, साहित्य और विचार-विमर्श की भूमि के रूप में कार्य करेगा।;
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK नेता एमके स्टालिन ने शनिवार (21 जून) को चेन्नई में प्रतिष्ठित वल्लुवर कोट्टम के नवीनीकरण का उद्घाटन किया। यह ऐतिहासिक स्मारक तमिल कवि और दार्शनिक थिरुवल्लुवर को समर्पित है। हालांकि, इसका उद्घाटन अब एक राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है, जिसमें राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी DMK और विपक्षी पार्टी BJP आमने-सामने आ गए हैं।
स्टालिन ने पिता के सपने को किया साकार
इस परियोजना की कल्पना स्टालिन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने 1970 के दशक की शुरुआत में की थी। लेकिन उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण फरवरी 1976 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इसका उद्घाटन किया था। अब 49 वर्षों बाद स्टालिन ने इस स्मारक को आधुनिक सुविधाओं के साथ फिर से जनता को समर्पित किया है।
₹80 करोड़ की लागत
वल्लुवर कोट्टम का पुनर्निर्माण ₹80 करोड़ की लागत से हुआ है, जिसमें 1600 सीटों वाला वातानुकूलित ऑडिटोरियम, संगीत फव्वारा, लाइट और साउंड शो जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसमें बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा भी प्रदान की गई है। DMK नेताओं का कहना है कि यह स्थल अब सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहां तमिल साहित्य, थिरुक्कुरल और सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन होगा।
BJP का आरोप
BJP और हिन्दू मुन्नानी जैसे दक्षिणपंथी संगठनों ने इस नवीनीकरण को लेकर सवाल उठाए हैं। BJP नेता एच. राजा ने कहा कि DMK वल्लुवर कोट्टम का इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने और परिवार की विरासत को स्थापित करने के लिए कर रही है। थिरुवल्लुवर सनातन धर्म में रचे-बसे ऋषि थे और थिरुक्कुरल एक प्रकार से हिंदू शास्त्रों का सार है। राजा ने आरोप लगाया कि DMK नेताओं ने हमेशा वल्लुवर को हिंदू मूल्यों से अलग दिखाने की कोशिश की है। वे नास्तिक विचारधारा को बढ़ावा देते हैं। लेकिन वोट के लिए वल्लुवर का इस्तेमाल करते हैं।
बीजेपी की मुरुगन पर आस्था
जब DMK के वल्लुवर के समर्थन पर सवाल उठा तो राजा ने यह भी कहा कि BJP मुरुगन भक्ति सम्मेलन का आयोजन (22 जून को मदुरै में) इसलिए कर रही है, ताकि हिंदुओं को जाति और भाषा के नाम पर बंटने से रोका जा सके। उन्होंने DMK पर नवीनीकरण परियोजना को धन की बर्बादी और प्रचार का माध्यम बताया।
DMK का पलटवार
DMK प्रवक्ता और पूर्व सांसद टीकेएस एलंगोवन ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वल्लुवर कोट्टम का नवीनीकरण तमिल सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। DMK किसी धार्मिक पहचान की राजनीति नहीं करती, हम तमिल सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि स्टालिन के लिए यह परियोजना पारिवारिक नहीं, बल्कि तमिल पहचान और समावेशिता के प्रतीक वल्लुवर को सम्मान देने का प्रयास है।
भाजपा की राजनीति विफल होगी
एलंगोवन ने कहा कि BJP की पहले की पहलें जैसे 2020 की वेल यात्रा विफल रही हैं और अब वे धार्मिक सम्मेलन के जरिए वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रही हैं। तमिल मतदाता जागरूक हैं और सांस्कृतिक विरासत की सच्ची रक्षा करने वालों को ही समर्थन देंगे।
पहचान की राजनीति को मिलेगा बल
राजनीतिक विश्लेषक एएस पनीरसेल्वन ने कहा कि वल्लुवर कोट्टम के नवीनीकरण से स्टालिन यह संदेश देना चाहते हैं कि DMK तमिल सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह केवल करुणानिधि की विरासत को सम्मान देना नहीं, बल्कि धार्मिक रंग के बिना तमिल सांस्कृतिक पहचान की पुनः प्राप्ति का प्रतीक है। थिरुवल्लुवर समानता और सामाजिक सौहार्द्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, न कि जाति या धर्म के विभाजन का।