लुक्मी और कबाब, हैदराबाद की शाही दावत का दिल
तेलंगाना में मटन की खपत देश में सबसे अधिक है। हैदराबादी लुक्मी और Sheekh कबाब जैसी शाही डिशेज राज्य की पाक परंपरा और स्वाद का प्रतीक हैं।
क्या आप जानते हैं कि भारत में मटन का सबसे अधिक सेवन तेलंगाना में किया जाता है? जहाँ राष्ट्रीय औसत मीट खपत केवल लगभग 7 किलो प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है, वहीं तेलंगाना में यह औसत लगभग 24 किलो प्रति व्यक्ति तक पहुँच जाता है यानी राष्ट्रीय औसत से लगभग चार गुना अधिक।
नेशनल मीट रिसर्च इंस्टिट्यूट, चेंगिचेरला के अनुसार, मटन खपत के मामले में तेलंगाना पूरे देश में पहले स्थान पर है। और यह केवल बिरयानी या करी तक सीमित नहीं है। राज्य के लोग मटन को स्नैक्स में भी उतना ही पसंद करते हैं।
हैदराबादी लुक्मी, एक शाही स्नैक
एक ऐसा ही स्नैक जो हैदराबाद की पाक संस्कृति की पहचान बन गया है, वह है लक्मी। यह शहर का अपना संस्करण है समोसे का। पारंपरिक आलू-भरे त्रिकोण की बजाय, हाइडराबादी लुकमी एक छोटा चौकोर पेस्ट्री होता है, जिसे मसालेदार मटन कीमा से भरा जाता है। बाहर से क्रिस्पी और फ्लेकी, अंदर से नरम और स्वादिष्ट, हर बाइट के साथ लुकमी मुंह में घुल जाता है।
“लुक्मी” शब्द उर्दू से आया है, जिसका अर्थ है “एक छोटा टुकड़ा”। यह शाही स्नैक निजाम काल से उत्पन्न हुआ, जब यह हैदराबादी दावतों (भोजन समारोह) में अनिवार्य बन गया।
परंपरा और स्वाद
हैदराबादी फूड एक्सपर्ट अमजद अली खान के अनुसार लक्मी दावतों में बनाई जाती है और इसमें दाल का इस्तेमाल होता है। यह मटन कीमा से भरी होती है और इसका स्वाद अद्भुत होता है। यह केवल हैदराबाद में बनती है और निजाम के समय से ही यह मौजूद है। लुक्मी अक्सर शादियों और विशेष अवसरों पर स्टार्टर के रूप में परोसी जाती है, आमतौर पर पुदीने की चटनी या टमाटर केचप के साथ। यह स्वाद और विरासत का एक अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करती है।
कबाब का कनेक्शन
शेफ सैयद उस्मान अली बताते हैं, हर दावत में लुक्मी कबाब बनता है। हम मटन का कीमा पीसकर उसे धनिया पाउडर, गरम मसाला, केसर, इलायची, दाल और मसालों के साथ मेरिनेट करते हैं और दो घंटे तक रखकर ग्रिल करते हैं।”
कबाब मास्टर शैल दस्तगीर बताते हैं “हम मटन Sheekh कबाब लुक्मी कबाब के साथ खाते हैं। इसे असली घी, मक्खन और हींग के साथ बनाया जाता है।”
स्वाद की विरासत
धुआंदार Sheekh कबाब से लेकर फ्लेकी लक्मी तक, तेलंगाना की मटन संस्कृति सिर्फ स्वाद का मामला नहीं है, बल्कि यह विरासत, आतिथ्य और जुनून की कहानी भी है। हैदराबादी परिवारों के लिए मटन केवल भोजन नहीं है, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही एक परंपरा है।चाहे त्योहार का भव्य भोज हो या रोज़मर्रा का भोजन, तेलंगाना का मटन के प्रति प्रेम इसके समृद्ध पाक संस्कृति को परिभाषित करता है एक लुक्मी के साथ हर बार।