दिग्गजों की सीटों पर ध्रुवीकरण पर सिमटा मुकाबला, जमकर बरसे वोट, कई सीटों पर रिकॉर्ड वोटिंग
पहले चरण की वोटिंग के बाद आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार 20 साल बाद बदलाव के लिए तैयार है।
विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में वोटरों ने दिग्गजों का इम्तिहान लिया। सियासी बिसात पर शह-मात के खेल में भाग्य आजमा रहे चर्चित चेहरों की चुनावी सीटों पर जमकर वोट बरसे। हार-जीत का फैसला तो मतगणना के दिन होगी। परंतु, मतदान के रुझान मतगणना से पहले
नज़र आने लगे हैं।
इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में तो मतदान प्रतिशत चौंकाने वाले स्तर तक बढ़ा है। 2020 के 58.03 फीसदी मतदान की तुलना में इस बार 66.24 फीसदी मतदान हुआ है। सीवान से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दांव आजमा रहे हैं। वहां उनके खिलाफ पूर्व स्पीकर अवध बिहारी चौधरी मैदान में हैं। यहां भी 5.28 फीसदी अधिक वोटिंग हुई है।
बाहुबली अनंत सिंह के चुनाव क्षेत्र मोकामा में भी 2020 की तुलना में 9.99 फीसदी अधिक मतदान हुआ है। अलीनगर से मैथिली ठाकुर और छपरा से खेसारी लाल जैसे कलाकार भाग्य आजमा रहे हैं। लेकिन मतदान के रुझान इन मोहरों की जगह इन्हें लड़ाने वाले चेहरों के सामाजिक और सियासी ध्रुव के आधार की ओर संकेत कर रहे है।
20 साल बाद बदलाव के लिए तैयार
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार 20 साल बाद बदलाव के लिए तैयार है। सत्ता बदलना ही हमारा मकसद नहीं है। सिस्टम को बदलना है। मुकेश सहनी बोले- बिहार में बदलाव की लहर है वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा- बिहार में बदलाव की लहर है। एनडीए के नेताओं को उन्हीं के क्षेत्र से भगाया जा रहा है।
NDA के प्रति भारी लहर का दावा
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा-पहले फेज के मतदान में जनता का भारी उत्साह एनडीए के प्रति दिखा। 14 नवंबर को एनडीए का प्रचंड जीत सुनिश्चित हो चुका है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा- एनडीए की जीत तय उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा-एनडीए की जीत तय है। पहले चरण में ही महागठबंधन हार की तरफ बढ़ गई है। एनडीए 160 से अधिक सीटें जीतेगी।
पक्ष-विपक्ष का दावा
सम्राट उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- लालू परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं जीतेगा। 121 सीटों में से 100 सीट एनडीए जीतेगा। तेजस्वी यादव भी हारेंगे।
महुआ में तेज प्रताप का जलवा
तेजप्रताप यादव अपनी पार्टी जेजेडी के बैनर तले पहली बार चुनाव लड़े। वो महुआ में इंजीनियरिंग कॉलेज और अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनाने का वादा कर राजद उम्मीदवार को लड़ाई से बाहर करते दिख रहे हैं।
इसके पहले 2015 में वो पहली बार राजद उम्मीदवार के रुप में तब हम (से) उम्मीदवार रविन्द्र राय को 28155 हजार मतों से हराया था। 2020में वो सीट बदल कर बगल के जिला समस्तीपुर के हसनपुर से चुनाव लड़े और जदयू के राज कुमार राय को 21139 मतों से हराया। लड़ाई त्रिकोणीय शुरु हुई थी जिसमें राजद के मुकेश रौशन और लोजपा (आर) के संजय कुमार सिंह उनके सामने थे। पर वो चुनाव को त्रिकोणीय से सीधी करने में सफल होते दिख रहे हैं। इस बार महुआ में 54.88% जबकि 2020 में 60.04% वोट पड़े थे।
राघोपुर : जीत-हार का मार्जिन पिछले चुनाव से कम होता दिख रहा
इस बार तेजस्वी यादव और भाजपा के परंपरागत लोकल उम्मीदवार सतीश यादव के बीच सीधी लड़ाई हुई। एक कारण ये भी है कि भाजपा का वोट बांटने वाले राकेश रौशन इस बार लड़ाई में नहीं, भाजपा के साथ ही हो गए हैं।
तेजस्वी पहली बार 2015 में राघोपुर से लड़े और 22733 वोटों से जीते थे। तब भी उनके खिलाफ भाजपा के सतीश कुमार (यादव) थे और तीसरे उम्मीदवार के रुप में राकेश रौशन 3 फीसदी वोट लाये थे। 2020 में भी तेजस्वी के खिलाफ सतीश यादव ही थे।
लालू के बेटों के लिए कुरुक्षेत्र बना वैशाली जिला
लालू के बेटों के लिए वैशाली जिला कुरुक्षेत्र बना। वैशाली के राघोपुर में तेजस्वी की सीधी लड़ाई भाजपा के सतीश कुमार (यादव) से हुई तो बगल के महुआ विधानसभा में तेजप्रताप ने भी त्रिकोणीय लड़ाई से राजद को लगभग बाहर करते हुए लड़ाई लोजपा (आर) के संजय कुमार सिंह के साथ कर दी। पहले फेज के वोटिंग खत्म होते ही दोनों विधानसभा क्षेत्रों की जनता ने लालू के बेटों को दिये समर्थन को ईवीएम में लॉक कर दिया। राबड़ी ने दोनों बेटों तेजप्रताप और तेजस्वी के जीत की कामना की।
महागठबंधन को मिल रहा रुझान
बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा- पहले चरण में महागठबंधन को स्पष्ट रुझान मिल रहा है। भाजपा के नेताओं को विरोध झेलना पड़ा।