भारत-पाक युद्ध रोकने का ट्रंप का 47वीं बार दावा, नोबेल ना मिलने पर जताई नाराजगी

Donald Trump: कुछ टिप्पणीकारों ने ट्रंप के इस दावे को हास्यास्पद और बेतुका बताया. पाकिस्तान के कुछ विश्लेषकों ने इस संख्या को भारतीय विमानों से जोड़ दिया.

Update: 2025-09-30 18:00 GMT
Click the Play button to listen to article

India-Pakistan war: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग 47वीं बार यह दावा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोका. उन्होंने यह भी कह डाला कि ऐसी कई लड़ाइयों को रोकने के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए था. लेकिन अफसोस की बात यह है कि उन्हें वह पुरस्कार नहीं मिलेगा.

भाषण में फिर वही कहानी

ट्रंप ने पेंटागन में बुलाए गए जनरलों और कमांडरों को यह बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं को चेतावनी दी थी कि अगर वे लड़ाई बंद नहीं करेंगे तो वे उनके साथ व्यापार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने उनकी बात मान ली. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और एक “फील्ड मार्शल” की तारीफ़ की (उनका नाम नहीं लिया गया). ट्रंप के अनुसार, उन्होंने व्हाइट हाउस में उन दोनों से यह सुना कि ट्रंप ने लाखों जिंदगियां बचाईं. साथ ही उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 7 विमानों को गिराया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किस देश के विमान थे या इस जानकारी का स्रोत क्या था.

युद्ध और दावों का उलझा ताना-बाना

कुछ टिप्पणीकारों ने ट्रंप के इस दावे को हास्यास्पद और बेतुका बताया. पाकिस्तान के कुछ विश्लेषकों ने इस संख्या को भारतीय विमानों से जोड़ दिया. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सब सोशल मीडिया पर है. भारत ने माना है कि उसने कुछ विमानों को खो दिया है. अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने कहा है कि चार दिन की लड़ाई में कम से कम एक भारतीय राफेल विमान को निशाना बनाया गया हो सकता है. भारत ने दावा किया है कि उसने कम से कम छह पाकिस्तानी विमान गिराए हैं और कई हवाई अड्डों को तबाह कर दिया. हालांकि, पाकिस्तान ने अपनी दावों के लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया.

ट्रंप‑पाकिस्तान संबंध, समर्थन और राजनीति

ट्रंप ने शक्तिशाली तानाशाहों और सैन्य नेताजों की प्रशंसा की है. अब वे पूरी तरह पाकिस्तान के फील्ड मार्शल और प्रधानमंत्री के प्रभाव में दिखते हैं. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान ने उनके मध्य-पूर्व शांति प्रस्तावों का समर्थन किया है. पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर भारत को किनारे किया जाना और अमेरिका‑पाकिस्तान नए गठजोड़ की चर्चाएं हो रही हैं. पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक़्कानी ने लिखा कि यह पहला मौका हो सकता है, जब पाकिस्तान इतनी बड़ी शांति पहल में अमेरिका पर निर्भर हुआ हो और जनमत इसे स्वीकार करेगा या नहीं, यह देखना बाकी है.

Tags:    

Similar News