शिक्षक-छात्र अनुपात सुधारने की कवायद, यूपी सरकार ने बदली ट्रांसफर पॉलिसी
शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर बनाने के लिए विभाग की तरफ से फैसला किया गया है। आमतौर पर शिक्षकों के पसंद वाले जिले गाजियाबाद,गौतमबुद्धनगर लखनऊ और कानपुर होते हैं।;
UP Primary Teacher Transfer Policy: यूपी में अब ज़्यादा शिक्षकों वाले ज़िले से कम शिक्षकों वाले ज़िले में शिक्षकों का ट्रांसफर होगा।सरकार ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में टीचर्स ट्रांसफर के नियमों में ये बदलाव शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर करने के लिए किया गया है।ट्रांसफर के इस नियम के बाद अब शिक्षकों के लिए ये ज़रूरी होगा कि वो ऑनलाइन आवेदन करते समय इसका ध्यान रखें।
विस्तृत दिशा निर्देश जारी
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।परिषद द्वारा संचालितस्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात ठीक रहे इसके लिए एक ज़िले से दूसरे जिले में शिक्षकों के ट्रांसफर की नीति में इस नियम को शामिल किया गया है कि ज़्यादा शिक्षकों वाले ज़िले से कम शिक्षकों वाले ज़िले में ट्रांसफर होगा।ऐसे में ये तय किया गया है की जिलों की दो सूची जारी की जाएगी ।शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा।
प्रदेश में अंतर-जनपदीय ( एक ज़िले से दूसरे ज़िले) ट्रांसफर के लिए ये नियम लागू होंगे। इसके तहत कम शिक्षकों वाले ज़िले में ज़्यादा संख्या में शिक्षकों को भेजा जाएगा।इसके लिए सेवा अवधि की कोई बाध्यता नहीं रखी जाएगी।ज़्यादा और कम शिक्षकों वाले ज़िलों की सूची 6-7 जून को जारी होगी।शिक्षकों को ये अवसर दिया जाएगा कि कम शिक्षकों वाली सूची में से एक ज़िले की वरीयता आवेदन करते समय दें।ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर आवश्यकता वाले ज़िले की सूची से कोई शिक्षक ज़िला नहीं बताता है तो उनका आवेदन स्वतः निरस्त हो जाएगा।शिक्षक के द्वारा ऑनलाइन दिए गए विकल्पों में से ट्रांसफर किया जाएगा।
कुछ जिलों में ज़्यादा तो कुछ में कम हैं शिक्षकों की संख्या
प्रदेश के कुछ ज़िलों में शिक्षकों की संख्या कम है।जिसमें कम शिक्षक हैं वहाँ छात्र-शिक्षक अनुपात ठीक करने के लिए ही ऐसा किया गया है।बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, मिर्जापुर, श्रावस्ती जैसे जिलों में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कम है।जबकि लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, मेरठ जैसे शहरों में शिक्षकों की संख्या ज़्यादा है।इसलिए ये माना जा रहा है कि इन जिलों के शिक्षकों को आवश्यक वाले दूसरे हीलों में समायोजित किया जाएगा।जबकि इन जिलों में ट्रांसफर की आस रखने वाले शिक्षकों को निराश होना पड़ेगा।शिक्षा के अधिकार( RTE) के तहत शिक्षक-छात्र अनुपात जो हर जगह ठीक करने का लक्ष्य तय किया गया है।