ड्रग केस की आड़ में बदले की राजनीति? अकाली नेता बिक्रम मजीठिया का आरोप

पंजाब में अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया के घर विजिलेंस का छापे के बाद सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने AAP सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगाया है।;

Update: 2025-06-25 09:11 GMT

Bikram Majithia News: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार को राज्य भर में 25 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का अमृतसर स्थित घर भी शामिल है। मजीठिया वर्ष 2021 के बहुचर्चित ड्रग्स मामले में पहले से ही जांच का सामना कर रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके निवास पर की गई ताजा छापेमारी किस मामले से जुड़ी है।

बिक्रम मजीठिया, जो शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले हैं। उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो की 30 सदस्यीय टीम ने बुधवार सुबह अमृतसर के ग्रीन एवेन्यू स्थित उनके आवास में जबरन प्रवेश किया। उनकी पत्नी और अकाली दल की विधायक गनीव कौर मजीठिया ने भी अधिकारियों पर घर में जबरन घुसने का आरोप लगाया।

जैसे ही सोशल मीडिया पर छापे की खबर फैली, अकाली दल के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक मजीठिया के घर के बाहर एकत्र हो गए और भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रशासन ने मजीठिया के आवास की ओर जाने वाली सड़क पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया और किसी को भी बैरिकेड पार करने की अनुमति नहीं दी गई।

'क्या चल रहा है, कौन सा कानून?'

गनीव कौर ने आरोप लगाया कि विजिलेंस के अधिकारी उनके घर में बिना अनुमति के घुस आए। उन्होंने पूछा, "यह क्या हो रहा है? मेरे घर में बिना जानकारी के कैसे घुस आए?बिक्रम मजीठिया ने भी विजिलेंस टीम पर बच्चों को आतंकित करने का आरोप लगाया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वे एक अधिकारी से यह कहते सुने जा सकते हैं। आप जबरन घुसे यह तरीका नहीं है। मैं कहीं नहीं जा रहा मैं पूरा सहयोग करूंगा।

आप पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप

मजीठिया ने कहा कि उनके खिलाफ मंगलवार रात एक नई एफआईआर दर्ज की गई है और इसी आधार पर छापेमारी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर उनके पास मेरे खिलाफ डीए (अघोषित संपत्ति) की कोई शिकायत थी, तो नोटिस देकर एफआईआर दर्ज की जा सकती थी। लेकिन यह स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी सरकार घबरा चुकी है।"

एक्स पर पोस्ट में मजीठिया ने लिखा कि उन्होंने पहले ही चेताया था कि मान सरकार उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है क्योंकि ड्रग्स मामले में कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, भगवंत मान जी, समझ लीजिए, आप कितनी भी एफआईआर दर्ज करा लें, न मैं डरूंगा, न आप मेरी आवाज दबा पाएंगे। मैं हमेशा पंजाब के मुद्दों पर बात करता रहा हूं और करता रहूंगा।

ड्रग केस की लंबी जांच

बिक्रम मजीठिया 2021 में दर्ज एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के तहत ड्रग्स मामले में नामजद हैं। यह केस पूर्व कांग्रेस सरकार के समय दर्ज हुआ था, जिसमें राज्य अपराध शाखा ने मोहाली में एफआईआर दर्ज की थी। यह कार्रवाई वर्ष 2018 में एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी।इसके बाद मजीठिया को पटियाला जेल में पांच महीने से ज्यादा वक्त बिताना पड़ा। अगस्त 2022 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से उन्हें ज़मानत मिली थी।

मार्च 2025 में जांच कर रही एसआईटी ने मजीठिया और उनके परिजनों से जुड़ी कंपनियों में संदिग्ध वित्तीय लेन-देन की बात कही थी और जांच का दायरा विदेशों तक भी बढ़ाया था।

विपक्ष का विरोध, समर्थन में उतरे बादल परिवार

मजीठिया के आवास पर छापे के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, उनकी पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, तथा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी की सरकार पर बरस पड़े। उन्होंने इसे विपक्ष को डराने की रणनीति करार दिया और लोकतंत्र के खिलाफ कार्रवाई बताया।

बिक्रम सिंह मजीठिया पंजाब की राजनीति में एक चर्चित नाम रहे हैं। उन पर ड्रग्स मामले में गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन अकाली दल इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देता रहा है।राजनीतिक पर्यवेक्षक इस ताजा छापेमारी को आम आदमी पार्टी और अकाली दल के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के रूप में देख रहे हैं, विशेषकर तब जब राज्य में निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज हो रही है।

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