कर्नाटक में जाति जनगणना पर बवाल, वोक्कालिगा-लिंगायत समुदाय का कड़ा विरोध
वोक्कालिगा समुदाय संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार रिपोर्ट वापस नहीं लेती है तो वह बच नहीं पाएगी।;
कर्नाटक की दो बड़ी और प्रभावशाली जातियां – वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय– राज्य सरकार द्वारा पेश की गई जाति आधारित सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (कांति राज रिपोर्ट) के खिलाफ एकजुट हो गई हैं। इनके साथ ब्राह्मण और कुछ अन्य समुदाय भी इस रिपोर्ट का विरोध कर रहे हैं और सभी मिलकर राज्यव्यापी बंद (Karnataka Bandh) की योजना बना रहे हैं।
इमरजेंसी मीटिंग
15 अप्रैल को बेंगलुरु में वोक्कालिगा समुदाय की एक आपात बैठक हुई। बैठक के बाद संगठन के अध्यक्ष केंचप्पा गौड़ा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जातिगत रिपोर्ट को लागू करने के फैसले के खिलाफ यह चर्चा हुई। उन्होंने इस रिपोर्ट को “एकतरफा और भेदभावपूर्ण” बताया और कहा कि यह रिपोर्ट 10 साल पुरानी है, फिर भी अब लागू की जा रही है।
“60 लाख वोक्कालिगा? ये तो अन्याय है”– केंचप्पा गौड़ा
गौड़ा ने कहा, "रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में केवल 60 लाख वोक्कालिगा हैं, जो पूरी तरह गलत है। असल आंकड़े चुनावों के दौरान हर तालुका में देखे गए सर्वे से सामने आ सकते हैं।" उन्होंने सवाल किया – क्या पूरे 224 विधानसभा क्षेत्रों में केवल 61 लाख वोक्कालिगा हो सकते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि यह आंकड़ों की हेराफेरी आरक्षण में फेरबदल के मकसद से की गई है।
मिलकर करेंगे आंदोलन
गौड़ा ने बताया कि वोक्कालिगा, लिंगायत, वीरशैव और ब्राह्मण समुदायों के नेता एकजुट होकर इस रिपोर्ट के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने रिपोर्ट वापस नहीं ली तो सरकार नहीं टिकेगी।
नई और पारदर्शी जनगणना की मांग
गौड़ा ने कहा कि इस रिपोर्ट को हम पूरी तरह खारिज करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर जनगणना करनी है तो नए सिरे से, पारदर्शी तरीके से की जाए — जैसे जियो-टैगिंग तकनीक के साथ और वह भी केंद्र सरकार द्वारा, क्योंकि जनगणना केंद्र का विषय होता है।
स्वतंत्र सर्वे
वोक्कालिगा संगठन के निदेशक नेल्लीगारे बाबू ने ऐलान किया कि समुदाय खुद स्वतंत्र सर्वे कराएगा, ताकि सही संख्या सामने आ सके। उन्होंने कहा कि हम इसके लिए नया सॉफ्टवेयर बना रहे हैं और चाहे जितना खर्च हो, हम यह करेंगे।
DK शिवकुमार ने जताया समर्थन?
राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DKS) ने भी इस मुद्दे पर वोक्कालिगा संगठन से मुलाकात की। संगठन के नेता जयमुथु ने दावा किया कि DKS ने कहा है, "मैं इस जाति जनगणना के खिलाफ हूं और वोक्कालिगा समुदाय के साथ खड़ा हूं।" जयमुथु ने यह भी कहा कि अगर यह रिपोर्ट लागू की गई तो यह सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। DKS आज शाम 6 बजे वोक्कालिगा समुदाय के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक भी करने वाले हैं।