रमीज़ नेमत की मिस्ट्री : कौन हैं वो शख्स जिनको लेकर आरजेडी में बवाल मचा है?
रोहिणी आचार्य के आरोपों ने आरजेडी के सहयोगी रमीज़ नेमत को सुर्खियों में ला दिया है। जानिए कौन हैं रमीज़, कैसे बढ़ा उनका कद और क्यों उनकी भूमिका अहम है।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के लगातार दो तीखे बयानों ने पार्टी में एक कम-ज्ञात लेकिन बेहद महत्वपूर्ण शख्स रमीज़ नमत को अचानक सुर्खियों में ला दिया है, जो तेजस्वी यादव के प्रमुख सहयोगियों में गिने जाते हैं।
रविवार (16 नवंबर) को रोहिणी ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनावों में आरजेडी के कमजोर प्रदर्शन पर सवाल उठाने के बाद उन्हें गाली दी गई, अपमानित किया गया और घर से बाहर फेंक दिया गया। आरजेडी ने 140 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ 25 सीटें जीती थीं।
ANI से बात करते हुए रोहिणी ने दावा किया कि संजय यादव, रमीज़ और तेजस्वी यादव ने उन्हें घर से निकाल दिया। आरजेडी के ‘फ़र्स्ट फ़ैमिली’ की इस फूट ने ध्यान रमीज़ नमत पर केंद्रित कर दिया है।
रमीज़ नेमत कौन हैं?
IANS की रिपोर्ट के अनुसार, रमीज़ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले से हैं और एक राजनीतिक रूप से जुड़े परिवार से आते हैं। वे 2016 में आरजेडी से जुड़े और महागठबंधन सरकार के दौरान उपमुख्यमंत्री कार्यालय की आंतरिक कार्यप्रणाली में सहयोग देना शुरू किया।
धीरे-धीरे वे तेजस्वी के आंतरिक सर्कल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए।
रमीज़ तेजस्वी का दैनिक शेड्यूल, अहम बैठकों का प्रबंधन और चुनाव अभियानों को संभालते थे—जिससे पार्टी में उनकी पकड़ और प्रभाव लगातार बढ़ता गया।
रमीज़ का यूपी कनेक्शन
रमीज़ और तेजस्वी के बीच निजी संबंध भी हैं—रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों एक ही क्लब से क्रिकेट खेलते थे। रमीज़ का समाजवादी पार्टी से पुराना नाता भी है, क्योंकि वे बलरामपुर के पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर के दामाद हैं।
उनकी पत्नी ज़ेबा रिज़वान सपा नेता हैं और तुलसीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
आरजेडी के भीतर रमीज़ को उन चंद लोगों में माना जाता है, जो तेजस्वी तक पहुंच नियंत्रित करते हैं और उनके बड़े राजनीतिक निर्णयों पर प्रभाव रखते हैं।
उनके ससुर, रिज़वान ज़हीर, सपा नेता और बलरामपुर के पूर्व सांसद, फ़िरोज़ ‘पप्पू’—2022 में तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन—की हत्या के मामले में जेल में हैं।
रमीज़ और उनकी पत्नी भी इसी केस में ज़मानत पर बाहर हैं।
इसके बावजूद रमीज़ ने तेजस्वी के आंतरिक सर्कल में अपनी मजबूत जगह बना ली है।
विवाद में कैसे आए?
रोहिणी ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके भाई तेजस्वी और उनके सहयोगियों ने “परिवार से बाहर निकाल दिया।” एक दिन पहले उन्होंने कहा था—“मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं।”
अगले दिन उन्होंने पत्रकारों से कहा—“मेरा कोई परिवार नहीं है… तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज़ से पूछिए। वे कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते।”
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक गरमागरम बहस के बाद तनाव बढ़ा, जिसमें तेजस्वी ने कथित तौर पर चुनाव हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।
फेसबुक पोस्ट में रोहिणी ने लिखा कि “उन पर चप्पल उठाई गई,” और बताया कि उन्हें “अपमानित” और “गाली दी गई,” और “रोते हुए माता-पिता को छोड़कर जाना” उन्हें “अनाथ जैसा” महसूस हुआ।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कहा गया कि उन्होंने अपने पिता को “गंदी किडनी” दी है। उनके आरोप कई महीनों से चल रहे तनाव और हाल ही में राजनीति से दूरी बनाने के फ़ैसले के बाद सामने आए हैं।