क्या Google Chrome की लग रही है बोली?

अमेरिका में चल रहे एंटी-ट्रस्ट केस के बीच Google को Chrome बेचने का पड़ सकता है दबाव, टेक कंपनियों की नजरें टिकीं।;

Update: 2025-04-24 09:28 GMT
AI जनरेटेड प्रतिनिधिक चित्र, जो दिखाता है कि Google Chrome टेक्नोलॉजी जगत में किस तरह एक अहम मोड़ पर खड़ा है।

अमेरिका की टेक्नोलॉजी दुनिया इन दिनों एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी Google के खिलाफ चल रहे एंटी-ट्रस्ट केस ने ना केवल उसकी साख को झटका दिया है, बल्कि अब उसके प्रमुख प्रोडक्ट Google Chrome की बिक्री की संभावनाएं भी बन रही हैं। अगर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) की कार्रवाई रंग लाती है, तो Google को अपना ब्राउज़र Chrome बेचना पड़ सकता है। और इसी बीच, OpenAI के बाद अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्टार्टअप Perplexity ने भी Chrome को खरीदने की इच्छा जताई है।

Google पर आरोप है कि उसने अपने सर्च इंजन और ब्राउज़र के जरिए इंटरनेट पर एकाधिकार कायम कर रखा है। DOJ का कहना है कि Google ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए प्रतिस्पर्धा को कुचलने की कोशिश की है। इसी केस की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि अगर अदालत Google को विभाजित करने का फैसला करती है, तो उसे Chrome को भी बेचना पड़ सकता है – जो दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला वेब ब्राउज़र है।

कुछ दिनों पहले ही OpenAI ने खुलासा किया था कि उसने 2023 में Google से संपर्क किया था ताकि Chrome का सर्च API इस्तेमाल कर सके। हालांकि, Google ने इसे अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद अब OpenAI ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह Chrome खरीदने के लिए तैयार है, अगर उसे बिक्री के लिए रखा जाता है। अब इसी क्रम में Perplexity के मुख्य व्यापार अधिकारी दिमित्री शेवेलेंको ने भी कोर्ट में गवाही देते हुए कहा है कि उनकी कंपनी Chrome जैसे बड़े स्केल के ब्राउज़र को बिना क्वालिटी घटाए और अतिरिक्त लागत के चला सकती है।

Google का कहना है कि अगर Chrome और उसका ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म Chromium किसी अन्य कंपनी को दे दिया गया, तो उससे ब्राउज़र की पारदर्शिता, सुरक्षा और यूज़र अनुभव पर असर पड़ सकता है। साथ ही Google को यह डर भी है कि कोई नया मालिक Chromium को मॉनेटाइज़ कर सकता है या उसका रखरखाव ठीक से नहीं कर पाएगा, जिससे पूरी ब्राउज़र इंडस्ट्री प्रभावित हो सकती है।

क्यों है यह मामला AI और टेक्नोलॉजी की दुनिया में महत्वपूर्ण?

DOJ का मानना है कि Google का वेब इन्फ्रास्ट्रक्चर और सर्च पर नियंत्रण उसे जनरेटिव एआई के क्षेत्र में अनुचित बढ़त दे सकता है। वहीं, Google का दावा है कि AI सेक्टर में पहले से ही Microsoft, Meta जैसे कई खिलाड़ी सक्रिय हैं और प्रतिस्पर्धा बनी हुई है।

फिलहाल, Chrome की बिक्री की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कोर्ट की सुनवाई और सरकार की सख्ती को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में बड़ा फैसला सामने आ सकता है। OpenAI और Perplexity जैसी कंपनियां बारीकी से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

यह केस न केवल Google के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि इंटरनेट और एआई की दिशा को भी तय कर सकता है।

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