Uttarkashi Cloudburst: मुश्किलों के बीच हर्शिल-धराली में बचाव कार्य जारी
बड़ी चुनौती के बीच उत्तरकाशी के हर्षिल और धराली में राहत और बचाव का काम जारी है। सड़क सीमा संगठन रास्तों को खोलने की कवायद में जुटा हुआ है। वहीं हर्षिल में लापता सैनिकों की तलाश और तेज कर दी गई है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान शुरू करने के लिए रवाना होने से पहले उत्तरकाशी से बचाव दल के साथ बातचीत की।
उत्तरकाशी के धराली में प्रभावित जगहों पर टनों मलबा पड़ा है। आईटीबीपी, सेना और एसडीआरएफ के जवान लगातार बारिश और सड़क धंसने के बीच फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। दो चिनूक हेलीकॉप्टर देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड पर पहुंच गए हैं, जहां से एनडीआरएफ के 50 जवानों को बचाव उपकरणों के साथ धराली ले जाया जाएगा। भारतीय वायुसेना के पाँच एएन-32 हेलीकॉप्टर भी धराली के रास्ते में हेलीपैड पर पहुँच चुके हैं।
लापता लोगों की तलाश के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और खोजी कुत्तों की मदद लेने की तैयारी कर रही है। एनडीआरएफ की दो और टीमें धराली के रास्ते में हैं, लेकिन लगातार भूस्खलन के कारण ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण वे वहाँ नहीं पहुँच पा रही हैं। एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ऑपरेशन मोहसेन शाहेदी के अनुसार, एनडीआरएफ की दो टीमों को देहरादून से हवाई मार्ग से भेजा जाना है, लेकिन खराब मौसम की वजह से दिक्कत आ रही है।
ट्रंप के एडवाइजर पीटर नवारो का कहना है कि चीन पर पहले से 50% टैरिफ है इसे और बढ़ाने पर अमेरिका को नुकसान होगा।
उत्तरकाशी के धराली गाँव से 190 लोगों को बचा लिया गया है, जो खीर गंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ से प्रभावित हुआ था। पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नेलोंग घाटी के रास्ते गंगोत्री धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने की योजना बनाई जा रही है।
उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्रों में बादल फटने और मूसलधार बारिश के कारण भीषण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते मुख्य सड़कें या तो कट गई हैं या भारी मलबे में दब चुकी हैं।
मोटी कीचड़ की परतें, गिरी हुई चट्टानें, घना कोहरा और लगातार हो रही बारिश रेस्क्यू ऑपरेशन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। राहत और बचाव कार्यों में लगी टीमों को दुर्गम हालात के बीच काम करना पड़ रहा है, जिससे उनकी गति धीमी पड़ गई है।