Uttarkashi Cloudburst: मुश्किलों के बीच हर्शिल-धराली में बचाव कार्य जारी
Breaking News: उत्तरकाशी जिले का हर्षिल और धराली में तबाही का मंजर है। इस हादसे के साथ देश-दुनिया की ताजा जानकारी के लिए बने रहिए द फेडरल देश के साथ।;
Breaking News: उत्तरकाशी जिले का हर्षिल और धराली में तबाही का मंजर है। इस हादसे के साथ देश-दुनिया की ताजा जानकारी के लिए बने रहिए द फेडरल देश के साथ।
उत्तरकाशी के हर्षिल और धराली में मुश्किलों के बीच बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ का कहना है कि पूरा इलाका मलबे में दबा पड़ा है। दिक्कतें आ रही हैं लेकिन राहत बचावकर्मी पूरी तरह से अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं।
आईटीबीपी बचाव दल द्वारा कुल 307 तीर्थयात्रियों को गंगोत्री से मुखवा तक पहुंचाया गया और बाद में हर्षिल हेलीपैड के लिए रवाना हो गए।
उत्तराखंड के हर्शिल और धराली में बचाव कार्य जारी है। इन सबके बीच 190 में से 70 लोगों को TBP ने मातली हेलीपैड पहुंचाया है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज प्रातः काल से ही हेली रेस्क्यू शुरू किया जा चुका है। यात्रा मार्ग बाधित होने के कारण फंसे हुए लोगों को मातली हेलीपैड, उत्तरकाशी सुरक्षित लाया जा रहा है।
उत्तरकाशी बादल फटने के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें उत्तरकाशी के मातली हेलीपैड से राहत सामग्री लेकर हेलीकॉप्टर के जरिए उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो रही हैं।
उत्तरकाशी के पास बादल फटने और भूस्खलन की घटना के बाद फंसे लोगों को बचाकर मातली हेलीपैड पर लाया गया है।सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन उत्तरकाशी के धराली में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चला रहे हैं।
महाराष्ट्र के जलगांव की आरोही मेहरा उत्तरकाशी आपदा पर कहती हैं जब ये सब हुआ तो वो बहुत डर गई थी। गांव वालों ने हमारी बहुत मदद की। भारतीय सेना के जवानों को देखकर हमें बहुत ताकत मिली।
बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्यों के बारे में गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि हमारे हेलीकॉप्टर अभियान शुरू हो गए हैं। हमारी पहली प्राथमिकता गंगोत्री धाम से तीर्थयात्रियों को निकालना है। हर्षिल से 9-10 लोगों को लेकर दो उड़ानें भरी जा चुकी हैं और यह अभियान पूरे दिन चलेगा। भारतीय वायुसेना का एक चिनूक विमान जल्द ही जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से एनडीआरएफ कर्मियों और आवश्यक सामग्रियों के साथ हर्षिल के लिए उड़ान भरेगा।
ज़िला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने कार्यालय क्षेत्र में स्थापित कर लिए हैं। सभी आवश्यक सेवाओं के तकनीकी विशेषज्ञ वहां पहुंच चुके हैं। वर्तमान में, हमारा खोज और बचाव अभियान पूरे ज़ोरों पर है और हमें उम्मीद है कि एक-दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी। उत्तरकाशी से हर्षिल तक का रास्ता बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और इसे फिर से बनाने में कुछ समय लगेगा। मुख्यमंत्री भी उत्तरकाशी में डेरा डाले हुए हैं और सभी अभियानों की निगरानी कर रहे हैं।
उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव कार्यों पर, एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान का कहना है कि हमारे पास चार टीमें हैं, लेकिन सभी सड़कें अवरुद्ध और क्षतिग्रस्त हैं, इसलिए वे धराली नहीं पहुंच सके। लेकिन अब हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होने के साथ, कर्मचारियों और निकाले गए लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। संचार की भी समस्या थी। लेकिन आज सुबह से हमारे सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं। राज्य प्रशासन, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ और यहाँ तक कि स्थानीय लोग भी खोज और बचाव कार्यों में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।
उत्तरकाशी बादल फटने के बाद यह भटवारी में प्रभावित क्षेत्र की तस्वीर है। बता दें कि भटवारी, धराली के रास्ते में आता है। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में आप टूटी और अवरुद्ध सड़कों को देख सकते हैं।