केजरीवाल को रहना होगा जेल में, हाई कोर्ट ने स्टे को जारी रखा

हाई कोर्ट ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जमानत पर रोक को जारी रखा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने PMLA के सेक्शन 45 के तहत ज़मानत की ज़रूरी शर्तों पर विचार नहीं किया.

Update: 2024-06-25 09:14 GMT

Delhi Liquor Policy Scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री की जमानत पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. हाई कोर्ट ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जमानत पर रोक को जारी रखा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने PMLA के सेक्शन 45 के तहत ज़मानत की ज़रूरी शर्तों पर विचार नहीं किया. ED को निचली अदालत में जिरह के लिए पूरा मौका देना चाहिए था. निचली अदालत ने केस से जुड़े सारे दस्तावेजो को नहीं देखा.

दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवा व उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी को झटका लगा है. बता दें कि दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल को 20 जून को जमानत दे दी थी, लेकिन अगले ही दिन ईडी ने निचली अदालत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि निचली अदालत ने उनका पक्ष बगैर सुने ही जमानत दे दी. जिसके बाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर स्टे लगा दिया था.


निचली अदालत के लिए क्या कहा हाई कोर्ट ने 

दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल की जमानत पर लगे स्टे को जारी रखते हुए कहा कि निचली अदालत ने जमानत का फैसला देते हुए कुछ चीजों को नज़र्नादाज किया और अपने विवेक का भी इस्तेमाल नहीं किया. हाई कोर्ट ने कहा कि लोअर कोर्ट को फैसला सुनाने से पहले जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए था. हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि निचली अदालत ने पीएमएलए एक्ट के तहत अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रर्वतन निदेशालय द्वारा पेश की गई सामग्री का भी उचित आकलन नहीं किया. ऐसा होना नहीं चाहिए था.

इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि निचली अदालत ने जमानत देते हुए ये कहा कि ED ने बदनीयती की भावना के चलते काम किया, जो दिल्ली हाई कोर्ट के निष्कर्ष के खिलाफ है.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

निचली अदालत के फैसले पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद सोमवार यानी 24 जून को अरविन्द केजरीवाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के स्टे लगाने के फैसले के खिलाफ लगायी गयी याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर लगे स्टे को हटाने से मना कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि या तो आप हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करें या अपनी याचिका वहां से वापस लें, इस टिप्पणी के साथ अब अगली सुनवाई 26 जून को होगी.


हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा था अपना फैसला

ईडी की दलील सुनने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर कुमार जैन और रविंदर डुडेजा की वेकेशन बेंच ने निर्देश दिया कि जब तक सुनवाई पूरी न हो जाए तब तक जमानत आदेश लागू नहीं किया जाना चाहिए. 21 जून को ही दिन में दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. साथ ही कहा था कि दो से तीन दिनों में अपना आदेश सुनायेंगे.


ईडी ने पहले निचली अदालत से की थी स्टे की मांग

ज्ञात रहे कि ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले 20 जून को राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा जमानत देने का फैसला सुनाने के बाद सम्बंधित अदालत से ये दरख्वास्त की थी कि जमानत बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने में 48 घंटे की मोहलत दी जाए. लेकिन, निचली अदालत ने जमानत देने के अपने आदेश पर रोक लगाने की ईडी की याचिका को खारिज कर दिया था.

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