CM पद को लेकर कोई चर्चा नहीं, फॉर्मूला भी नहीं-सिद्दारमैया

सिद्दारमैया ने कहा कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की कोई चर्चा नहीं चल रही है। 50-50 फॉर्मूले को भी नकारा। बोले- हाईकमान का हर फैसला मान्य होगा।;

Update: 2025-07-10 08:54 GMT

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार (10 जुलाई) को राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं चल रही है, और कोई 50-50 फॉर्मूला जैसी बात नहीं है। फिलहाल दिल्ली दौरे पर मौजूद सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि डीके शिवकुमार खुद इस बात को मान चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद रिक्त नहीं है।

मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है- सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने साफ शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री बदलने पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। डीके शिवकुमार ने भी कहा है कि मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है। कोई 50-50 फॉर्मूला नहीं है। जो भी निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा, हम उसे मानेंगे। मैं कर्नाटक का मुख्यमंत्री हूं और यहां बैठा हूं। पद खाली नहीं है।उन्होंने यह भी दोहराया कि पार्टी हाईकमान की ओर से जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह और डीके शिवकुमार दोनों ही उसका पालन करेंगे।“मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है, यही मेरा उत्तर है,” उन्होंने ANI से कहा।

राहुल गांधी से मिलने की मांग

सिद्धारमैया ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने नेता विपक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है। यह बयान उस समय आया है जब कुछ दिन पहले कांग्रेस के ओबीसी विभाग ने सिद्धारमैया का नाम अपनी सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में प्रस्तावित किया था, जिससे राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं।

हालांकि सिद्धारमैया ने साफ कहा कि इसका उनके राष्ट्रीय राजनीति में जाने से कोई संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर सत्ता साझेदारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है, खासकर इस साल के अंत तक मुख्यमंत्री पद में बदलाव को लेकर।

क्या बदल सकता है नेतृत्व?

इस मुद्दे की पृष्ठभूमि में, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के ओबीसी विभाग के प्रमुख अनिल जयहिंद ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भेजा था, जिसमें 24 नेताओं के नाम सलाहकार परिषद के लिए प्रस्तावित किए गए। इस पत्र में सिद्धारमैया के अलावा बीके हरिप्रसाद, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और वीरप्पा मोइली के नाम भी शामिल हैं।

कुछ कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि इस सलाहकार परिषद की अध्यक्षता सिद्धारमैया करेंगे। हालांकि, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि उन्हें इस संबंध में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और उन्होंने इस बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए ही जाना।

सिद्धारमैया के बयान ने फिलहाल मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है, लेकिन कांग्रेस के भीतर की हलचल और संभावित सत्ता-साझा फार्मूले को लेकर चर्चाएं अभी भी शांत होती नहीं दिख रहीं। आने वाले हफ्तों में पार्टी हाईकमान का रुख और स्पष्टता ला सकता है।

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