आप और अरविन्द केजरीवाल को आरोपी बनाने वाली चार्जशीट पर संज्ञान लेने को लेकर 4 जून को फैसला सुनाएगी अदालत

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदलत में आज ईडी द्वारा दिल्ली सरकार के कथित शराब घोटाले के मामले में दायर आठवीं की गयी चार्जशीट पर संज्ञान लेने के विषय में सुनवाई हुई. अदालत ने पूछा कि आम आदमी पार्टी को किस तरह से एक कंपनी की तरह परिभाषित किया गया है

Update: 2024-05-28 10:27 GMT

Delhi Excise Policy Scam update: दिल्ली सरकार के कथित शराब घोटाला मामले में ईडी द्वारा की गयी आठवीं चार्जशीट पर संज्ञान लेने को लेकर दिल्ली की राउज़ अवेन्यू अदालट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब इस मामले में 4 जून को फैसला सुनाया जायेगा. बता दें कि ईडी ने अपनी आठवीं चार्जशीट में अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का नाम मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के मामले में आरोपी की श्रेणी में दर्ज किया है. ये पहली बार है जब किसी राजनितिक दल को आरोपी की सूचि में डाला गया है.

ईडी की तरफ से वकील जोएब हुसैन ने अदालत को बताया कि ये एक ऐसा मामला है, जिसमें पीएमएलए की धारा 70(1) और 70(2) दोनों लागू होती है, इसलिए आम आदमी पार्टी को अरविन्द केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है. अपनी दलील में वकील ने अदालत को बताया कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.

अदालत ने सवाल किया कि आम आदमी पार्टी जो एक राजनितिक पार्टी है, वो किस तरह से कंपनी की परिभाषा में आती है. इस पर ईडी के वकील ने अदालत से कहा कि कंपनी से यहाँ मतलब है ‘व्यक्तियों का संगठन’. वकील जोएब हुसैन ने कहा कि ‘राजनीतिक दल एक निकाय और व्यक्तियों का संगठन ही है. कई फैसलों में ये स्पष्ट किया गया है कि इस तरह का संगठन बनाना अनुच्छेद 19(1) सी के तहत दिए गए अधिकार के अंतर्गत आता है'.

क्या है पूरा कानून

ईडी के वकील ने अपनी दलील में इस पूरे कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि आप एक राजनीतिक दल है और आरपी एक्ट के तहत राजनीतिक दल व्यक्तियों का संगठन है. कंपनी में भी व्यक्तियों का संगठन ही शामिल होता है. इसलिए इस मामले में आप को एक कंपनी की तरह परिभाषित करते हुए आरोपी बनाया गया है.

आगे ईडी ने अदालत में कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिसमें उनके साथ आप के कई अन्य नेता और कुछ पार्टी से बाहर के लोग भी शामिल हैं. ईडी ने ये भी कहा कि ‘आम आदमी पार्टी चुनाव अभियान के लिए इस पैसे का इस्तेमाल करने सहित कई अन्य आपराधिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल रही है’.


विजय नायर और विनोद चौहान की भूमिका भी बताई

ईडी ने अदालत को ये भी बताया कि इस घोटाले अर्जित की गयी रकम से गोवा में चुनाव लड़ा गया और ये पैसा दिल्ली से गोवा विनोद चौहान द्वारा पहुँचाया गया. ईडी ने अदालत को ये भी बताया कि इस सन्दर्भ में कुछ स्क्रीन शॉट जाँच के दौरान मिले हैं, जिसमें पैसा कब और कैसे पहुँचाया गया है, वो जानकारी है. हवाला का ज़िक्र भी है. ईडी के वकील ने कोर्ट में बताया कि विजय नायर सीएम आवास के पास वाले बंगले में ही रह रहा था.

अदालत के सामने ईडी की तरफ से अक्षय मल्होत्रा के बयान का हवाला देते हुए दवा किया गया कि ये बयान पुष्टि करता है कि नायर सीधे केजरीवाल को ही रिपोर्ट करता था. एक अन्य आरोपी समीर महेंद्रू के बयान का हवाला देते हुए ईडी ने कहा कि इस बयान से भी नायर और अरविंद केजरीवाल के बीच संबंधों के बारे में पुष्टि होती है. सुरेश मेनन के बयान का भी ईडी ने जिक्र करते हुए कहा कि सुरेश मेनन आईएसडब्ल्यूए(इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन) का सचिव था. इस दौरान ईडी ने बकार्डी इंडिया के सीईओ रंधावा का भी जिक्र अदालत के सामने किया.

राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की तमाम दलीलों को सुनने के बाद चार्जशीट पर संज्ञान लेने वाला फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 4 जून को अपना फैसला सुनाएगी.

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