जापान ने दिया तोहफा, भारत को मिले दो बुलेट ट्रेन सेट, हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार

Update: 2025-04-18 06:24 GMT
Japan India railway cooperation

अब जापान की ओर से एक बड़ा सहयोग मिलने जा रहा है. जापान ने घोषणा की है कि वो भारत को दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेन सेट E5 और E3 सीरीज साल 2026 की शुरुआत में तोहफे में देगा. ये ट्रेनें सिर्फ यात्रियों को ले जाने के लिए नहीं, बल्कि टेस्टिंग और इंस्पेक्शन के लिए इस्तेमाल की जाएंगी. इनमें खास तरह के उपकरण लगाए जाएंगे जो भारत की पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे अत्यधिक गर्मी, धूल और विविध मौसम में ट्रेन संचालन की क्षमता को परखेंगे.

कौन-कौन सी ट्रेनें आ रही हैं?

E5 सीरीज 2011 से जापान में सेवा में है और 320 किमी/घंटा की स्पीड पकड़ सकती है. भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए शुरू से इसी मॉडल को पसंद किया गया था. E3 सीरीज थोड़ा पुराना मॉडल है, लेकिन सुरक्षा और स्मूद राइडिंग के लिए जाना जाता है. इसे मुख्य रूप से मिनी शिंकानसेन सेवाओं में इस्तेमाल किया जाता है.

भविष्य की तैयारी E10 मॉडल (Alfa-X)

इन दो ट्रेनों के परीक्षण से जापान को अपने नए E10 मॉडल (Alfa-X) को विकसित करने में मदद मिलेगी, जिसकी स्पीड 400 किमी/घंटा तक जा सकती ह. यही ट्रेन भारत में 2030 के आसपास यात्रियों के लिए शुरू की जा सकती है.

भारत के लिए क्यों जरूरी है ये प्रोजेक्ट?

ये प्रोजेक्ट सिर्फ तेज ट्रेन का सपना नहीं है, बल्कि भारत में आधुनिक रेलवे तकनीक, सुरक्षा और समय की पाबंदी का प्रतीक बनेगा. प्रोजेक्ट की 80% लागत Japan International Cooperation Agency (JICA) से लिए गए कम ब्याज वाले लोन से कवर की जा रही है, जिसे 50 साल में चुकाया जाना है. इससे भारत को शिंकानसेन जैसी उन्नत तकनीक को समझने और अपनाने का मौका मिलेगा.

जापान का विश्वसनीय सहयोग

ये पहली बार नहीं है जब जापान ने किसी देश को शिंकानसेन टेक्नोलॉजी दी हो. इससे पहले ताइवान को भी जापान ने बुलेट ट्रेन दी थी. भारत के साथ ये साझेदारी एक मजबूत दोस्ती और तकनीकी विश्वास का प्रतीक है.

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