बांग्लादेश में बढती हिंसा के बीच 300 भारतीय छात्र स्वदेश लौटे

ये छात्र त्रिपुरा और मेघालय में बने इंटरनेशनल लैंड पोर्ट चौकियों से होते हुए भारत की सीमा में दाखिल हुए हैं. अधिकतर छात्र हरियाणा, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और मेघालय के हैं. अधिकतर मेडिकल से छात्र हैं.

Update: 2024-07-20 01:39 GMT

Bangladesh Student Protest: बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर बढ़ते बवाल के बीच वहां पढ़ रहे 300 भारतीय छात्र वापस भारत लौटे हैं. सिर्फ ये ही नहीं बल्कि कुछ भूटानी और नेपाली छात्र भी भारत आये हैं, जहाँ से वे अपने देश वापस जायेंगे. ये सभी छात्र एक ही दिन में पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा पर बनी भारतीय चौकी से भारत वापस आये हैं. उनका कहना है कि आरक्षण के विरोध में लगातार प्रदर्शन हिंसक होता जा रहा था और यूनिवर्सिटी भी बंद हैं, ऐसे में वहां रुकना खतरे से खाली नहीं था. सूचना है कि वहां अब तक इन प्रदर्शन में 100 से ज्यादा छात्रों की मौत हो चुकी है.

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू होने के फैसले पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इसकी वजह से पूरे बांग्लादेश में तमाम यूनिवर्सिटी के छात्र इसका विरोध कर रहे हैं, जिसकी वजह से छात्रों, सुरक्षा बलों और सरकार के समर्थकों के बीच हिंसक झडपें भी हो रही हैं. इसमें अब तक 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की सूचना है.

तीन हफ्तों से जारी है प्रदर्शन
बांग्लादेश में पिछले तीन हफ़्तों से प्रदर्शन जारी है, लेकिन सोमवार से ये प्रदर्शन काफी उग्र हो गया है. खासतौर से जब ढाका यूनिवर्सिटी में हिंसा भड़क उठी. इसके अगले दिन यानी मंगलवार को 6 लोगों के मारे जाने के बाद बंगलदेश सरकार ने तमाम विश्विद्यालय बंद कर दिए.

त्रिपुरा और मेघालय के रस्ते भारत वापस लौटे हैं छात्र
जो 300 छात्र बांग्लादेश से भारत वापस लौटे हैं, उन्होंने त्रिपुरा और मेघालय का रास्ता चुना. त्रिपुरा में अगरतला के नजदीक अखुरह में बने इंटरनेशनल लैंड पोर्ट से और मेघालय में दावकी में बने इंटरनेशनल लैंड पोर्ट पर बनी भारतीय चौकियों से होते हुए ये छात्र वापस आये हैं.

मेडिकल के छात्र हैं
जो छात्र वापस भारत लौटे हैं उनमें अधिकतर मेडिकल के छात्र हैं, उनमें भी सबसे ज्यादा एमबीबीएस के.

इन राज्यों के रहें वाले हैं छात्र
जो छात्र भारत वापस लौटे हैं उनमें ज्यादातर मेघालय, जम्मू कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हैं.

अस्थाई रूप से लौटे हैं भारत
छात्रों का कहना है कि अभी उनकी पढाई पूरी नहीं हुई है. वो अभी अस्थायी तौर पर देश वापस लौटे हैं, क्योंकि इस समय बांग्लादेश में सभी यूनिवर्सिटी बंद हैं. अराजकता का माहौल है. हिंसा भड़की हुई है और तमाम सुविधा भी प्रभावित हैं.

इन्टरनेट और टेलेफोन सेवाएं बंद होने के बाद लिया निर्णय
छात्रों का कहना है कि प्रदर्शन और हिंसा के चलते यूनिवर्सिटी बंद हो चुकी हैं. सभी छात्र जहाँ भी रह रहे थे, वहां रह कर परिस्थिति पर नज़र बनाये हुए थे. लेकिन इस बीच गुरूवार को इन्टरनेट सेवायें बंद कर दी गयी और फ़ोन सेवाओं पर भी असर पड़ा. जिसकी वजह से छात्रों का अपने परिवारों से संपर्क टूट गया और इन छात्रों ने भारत वापस लौटने का निर्णय लिया.

हवाई टिकट नहीं मिले तो चुना सड़क का रास्ता
छात्रों का कहना है की जब मंगलवार से हालत बिगड़ने शुरू हुए तो सभी छात्रों को होस्टल आदि से बाहर न निकलने की सलाह दी गयी. तभी अधिकतर छात्रों को मालूम हुआ कि आरक्षण को लेकर तनाव फैला हुआ है. प्रिंसिपल ने भी यही सलाह दी कि अगर असुरक्षित लगे तो भारत वापस लौट जाओ. जिसके बाद छात्रों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया. उन्होंने भी यही कहा कि माहौल ठीक होने तक भारत वापस लौट जाना चाहिए. जिसके बाद पहले हवाई टिकट के लिए प्रयास किया गया लेकिन जब कोई प्रबंध नहीं हो पाया तो फिर सड़क मार्ग से भारत आया गया.

बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने दिया आरक्षण बहाल का आदेश, जिसके बाद शुरू हुआ विवाद
बांग्लादेश के एक हाई कोर्ट ने पिछले महीने आदेश देते हुए 1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे सेनानियों के परिवारों को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत का आरक्षण बहाल करने का आदेश सुनाया था, जिसके बाद पूरे देश में बवाल शुरू हो गया.


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