भारत के एतराज के बाद कोलंबिया ने वापस लिया पाकिस्तान के समर्थन वाला बयान

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने कहा कि कोलंबिया भारत के रुख के समर्थन में एक मज़बूत बयान जारी करेंगा और हमारी स्थिति की बेहतर समझ प्रदर्शित करेगा।;

Update: 2025-05-31 04:16 GMT
कोलंबिया के नेताओं से बातचीत करते शशि थरूर (फोटो : X/@ShashiTharoor )

शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका दौरे पर गई भारतीय प्रतिनिधिमंडल के विरोध के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए अपने बयान को वापस ले लिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कोलंबिया अब भारत के रुख के समर्थन में एक "मज़बूत बयान" जारी करेगा और भारत की स्थिति को बेहतर तरीके से समझेगा।

थरूर ने कहा, "हमने कोलंबिया के विदेश मंत्रालय से मुलाकात की, सीनियर वाइस मिनिस्टर ने हमें रिसीव किया। हमें कुछ अच्छी खबर मिली। उन्होंने पहले दिए गए उस बयान को वापस ले लिया है जिससे हमें निराशा हुई थी, और अब वे भारत के रुख के समर्थन में एक मज़बूत बयान जारी करेंगे और हमारी स्थिति की बेहतर समझ प्रदर्शित करेंगे। हम महात्मा गांधी की इस सुंदर प्रतिमा के सामने खड़े हैं, जो यहाँ की मुख्य यूनिवर्सिटी परिसर में है।"

'हमलावरों और रक्षकों में समानता नहीं'

बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे देश पर हमला करने वालों और अपने देश की रक्षा करने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती, और कोलंबिया के पहले बयान में हमारी केवल यही निराशा थी कि वह इस अंतर को नजरअंदाज करता प्रतीत हुआ।"

थरूर ने कहा, "हमें खुशी है कि वह बयान अब वापस ले लिया गया है और हम इस बात से भी प्रसन्न हैं कि कोलंबिया की जनता के प्रतिनिधि हमारे साथ खड़े हैं – हमारी संप्रभुता, वैश्विक शांति, और भारतीय उपमहाद्वीप में शांति के लिए। हमें खुशी है कि इस तरह की बातचीत हमारे लोगों और प्रतिनिधियों के बीच जारी रहेगी।"

कोलंबिया ने बदला अपना रुख

बीजेपी नेता तरणजीत सिंह संधू, जो अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत रह चुके हैं, ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा दी गई विस्तृत जानकारी के कारण कोलंबिया ने अपना रुख बदला।

उन्होंने कहा, "आज सुबह हमने कार्यवाहक विदेश मंत्री के साथ विस्तृत बातचीत की, जिसमें हमारे नेता और पूरी टीम ने कोलंबिया को उस समयरेखा के बारे में जानकारी दी, जिसे शायद वे पहले पूरी तरह समझ नहीं पाए थे। इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने अपने दिए गए एक बयान को वापस ले लिया और आतंकवाद पर अपनी स्थिति को लेकर स्पष्ट रुख रखा। कोलंबिया की अहमियत इसलिए भी है क्योंकि वह जल्द ही सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने वाला है।"

बीजेपी सांसद शशांक मणि ने कहा कि कोलंबिया भी आतंकवाद से पीड़ित रहा है और इसीलिए वह भारत की स्थिति को बेहतर समझता है, "यह महत्वपूर्ण है कि कोलंबिया भी कभी आतंकवाद से प्रभावित रहा है, लेकिन अब एक लंबे संघर्ष के बाद वह एक शांतिपूर्ण देश बन चुका है। हम यहाँ शांति का संदेश लेकर आए हैं। हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम हर आतंकी हमले का करारा जवाब देंगे, और जब सब कुछ शांत हो जाएगा, तो हम केवल शांति चाहते हैं।"

भारत ने जताया था एतराज

बोगोटा में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, थरूर ने कोलंबिया की प्रतिक्रिया पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि भारत इस बात से दुखी है कि कोलंबिया सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान में हुई हताहतों पर शोक जताया, जबकि उन्हें पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए थी।

"हम कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश थे, क्योंकि उन्होंने भारत की स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में हुए नुकसान पर संवेदना व्यक्त की, लेकिन आतंकवाद के पीड़ितों के लिए सहानुभूति नहीं दिखाई।"

उन्होंने आगे कहा, "हम कोलंबिया के दोस्तों से यही कहेंगे कि आतंकवादियों को भेजने वालों और उनसे मुकाबला करने वालों में कोई समानता नहीं हो सकती। हम केवल आत्मरक्षा का अधिकार प्रयोग कर रहे हैं, और यदि इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी है, तो हम उसे दूर करने यहाँ आए हैं।"

थरूर की अगुवाई में यह बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका और लैटिन अमेरिका के विभिन्न देशों की यात्रा पर है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट करना है। पनामा और गुयाना की यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को कोलंबिया पहुंचा। वहां की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद शनिवार को यह दल ब्राजील और फिर अमेरिका जाएगा।

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