ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में सड़कों पर उतरे लोग, हजारों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे ट्रंप द्वारा किए गए नागरिक अधिकारों और संविधान के उल्लंघन का विरोध कर रहे हैं, जिसमें प्रवासियों को देश से निकालने की कोशिशें भी शामिल हैं।;

Update: 2025-04-20 08:36 GMT
मिनेसोटा में सैकड़ों ट्रंप विरोधी प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली (वीडियो ग्रैब: X)

शनिवार को अमेरिका के कई छोटे-बड़े शहरों में लोगों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किए। लोगों का कहना है कि ट्रंप देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बन गए हैं। ये प्रदर्शन न्यूयॉर्क के मैनहटन, वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर और मैसाचुसेट्स में अमेरिकी क्रांति की सालगिरह के मौके पर हुए।

80 साल के थॉमस बैसफोर्ड ने बोस्टन के पास एक कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा, “अमेरिका में आज़ादी को खतरा है, इसलिए हमें इसके लिए आवाज उठानी चाहिए। मैं चाहता हूं कि मेरे पोते समझें कि कभी-कभी आज़ादी के लिए लड़ना पड़ता है।”  डेनवर में सैकड़ों लोग राज्य की राजधानी के सामने इकट्ठा हुए और “हाथ हटाओ!” जैसे नारे लगाए। कई लोगों ने उल्टा अमेरिकी झंडा लहराया जो संकट का संकेत है।

ओरेगन के पोर्टलैंड में हजारों लोगों ने मार्च किया। सैन फ्रांसिस्को में लोगों ने समुद्र तट पर “Impeach & Remove” (महाभियोग और हटाओ) लिखकर विरोध जताया। अलास्का के एंकोरेज शहर में लोग हाथ से बनाए पोस्टरों के साथ सड़कों पर उतरे, जिन पर लिखा था कि वे किन-किन बातों से परेशान हैं।

कुछ जगहों पर लोग एलन मस्क के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे थे, जो ट्रंप सरकार को छोटा करने की योजना में शामिल हैं। कई जगह लोगों ने सामुदायिक सेवा के काम भी किए जैसे भूखे लोगों को खाना देना, शिक्षा संबंधी कार्यक्रम चलाना और शेल्टर होम में मदद करना।

इन विरोधों की वजह ट्रंप की नीतियाँ हैं, जैसे—प्रवासियों को देश से निकालना, हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालना और कई सरकारी विभागों को बंद करना।

कई लोगों ने अमेरिकी क्रांति की भावना को याद करते हुए “कोई राजा नहीं” जैसे नारे लगाए। एंकोरेज में एक व्यक्ति ने पुराने अमेरिकी कपड़ों में “No Kings” का बोर्ड पकड़ा हुआ था।

बोस्टन के जॉर्ज ब्रायंट ने कहा, “ट्रंप देश में तानाशाही लाने की कोशिश कर रहे हैं। वह अदालतों की बात नहीं मान रहे, छात्रों को गिरफ्तार कर रहे हैं और देश की संतुलन प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह फासीवाद है।”

वॉशिंगटन में 76 साल के बॉब फासिक ने कहा कि उन्हें डर है कि ट्रंप संविधान में दिए गए अधिकारों, सोशल सिक्योरिटी और अन्य सरकारी मदद को खत्म करना चाहते हैं।

ट्रंप सरकार ने कई सरकारी दफ्तर बंद करने, स्वास्थ्य कार्यक्रमों की फंडिंग कम करने और ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों को सीमित करने जैसे कदम उठाए हैं। फासिक ने कहा, “अगर हम सब चुप बैठे रहे तो हमारे बच्चे और आने वाली पीढ़ी जिस दुनिया में रहेंगी, वह बहुत बुरी होगी।”

साउथ कैरोलिना के कोलंबिया शहर में भी सैकड़ों लोगों ने राज्य की संसद के बाहर विरोध किया। न्यूयॉर्क के मैनहटन में लोग प्रवासियों को देश से निकाले जाने के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ट्रंप टावर के पास से गुज़रे। ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में सड़कों पर उतरे लोग, हजारों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शनलोग नारे लगा रहे थे—“ना डर, ना नफरत, हमारे राज्य में ICE नहीं” (ICE अमेरिकी प्रवासी नियंत्रण एजेंसी है)।

न्यू जर्सी के मार्शल ग्रीन ने कहा कि ट्रंप एक पुराने कानून का गलत इस्तेमाल करके यह दिखा रहे हैं कि देश वेनेजुएला के गैंग्स से युद्ध में है, जबकि खुफिया एजेंसियों ने ऐसा कोई संबंध नहीं पाया है। उन्होंने कहा, “आप बिना कानूनी प्रक्रिया के लोगों को देश से नहीं निकाल सकते।”

कनेक्टिकट की मेलिंडा चार्ल्स ने कहा कि उन्हें डर है कि सरकार की कार्यकारी शक्ति बहुत ज़्यादा बढ़ती जा रही है और अदालतों और कॉलेजों से टकरा रही है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की तीन बराबर शक्तियाँ होनी चाहिए, लेकिन अब ऐसा नहीं दिख रहा।”

Tags:    

Similar News