रूस में पढ़ाई करने गया गुजरात का छात्र, रूसी सेना में जबरन भर्ती; अब यूक्रेन से की अपील

वीडियो में ऑलिव ग्रीन जैकेट पहने साहिल ने कहा कि मैं 2024 में पढ़ाई के लिए रूस आया था। लेकिन आर्थिक और वीजा संबंधी समस्याओं के कारण मेरा संपर्क कुछ ऐसे लोगों से हुआ, जो बाद में नशे के कारोबार से जुड़े निकले।

Update: 2025-12-22 03:15 GMT
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पढ़ाई के लिए छात्र वीजा पर रूस गया गुजरात के एक छात्र ने वीडियो संदेश के जरिए लोगों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में रूसी सेना में शामिल न हों। युवक ने दावा किया कि उसे झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर रूसी सेना में जबरन भर्ती कराया गया।

साहिल मोहम्मद हुसैन नाम का यह छात्र फिलहाल यूक्रेन में है, जहां उसे यूक्रेनी बलों द्वारा पकड़े जाने के बाद रखा गया है। यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा साझा किए गए वीडियो में साहिल ने भारत सरकार से सुरक्षित रूप से स्वदेश लौटाने की मदद की गुहार लगाई है। साहिल गुजरात के मोरबी जिले का रहने वाला है और उसने बताया कि वह रूस में पढ़ाई के साथ-साथ एक कूरियर कंपनी में पार्ट-टाइम काम कर रहा था।

साहिल ने आरोप लगाया कि रूस की पुलिस ने उसे झूठे ड्रग्स मामले में फंसा दिया और कहा कि यदि वह रूसी सेना में शामिल हो जाता है तो मामला खत्म कर दिया जाएगा। वीडियो में उसने कहा कि हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे। मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे पुतिन से बात कर मेरी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करें। एक अन्य वीडियो में साहिल ने बताया कि उसने झूठे ड्रग्स केस से बचने के लिए रूसी अधिकारियों का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। उसके अनुसार, 15 दिन के प्रशिक्षण के बाद उसे सीधे फ्रंटलाइन पर भेज दिया गया। साहिल ने कहा कि मोर्चे पर पहुंचते ही उसने सबसे पहले यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

साहिल के मुताबिक, यूक्रेनी बलों ने उसके वीडियो उसकी मां को गुजरात में भेजे और उनसे कहा कि वे रूस में भारतीयों को धोखे से सेना में भर्ती किए जाने के मामलों को लेकर जागरूकता फैलाएं। इसके बाद साहिल की मां ने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है। इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होनी है।

वीडियो में ऑलिव ग्रीन जैकेट पहने साहिल ने कहा कि मैं 2024 में पढ़ाई के लिए रूस आया था। लेकिन आर्थिक और वीजा संबंधी समस्याओं के कारण मेरा संपर्क कुछ ऐसे लोगों से हुआ, जो बाद में नशे के कारोबार से जुड़े निकले। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। रूस में कम से कम 700 लोगों को ड्रग्स मामलों में जेल में डाला गया है। जेल प्रशासन ने उन्हें आरोप हटाने के बदले रूसी सेना में शामिल होने का विकल्प दिया। उसने आगे कहा कि मैं खुद को बेहद निराश महसूस कर रहा हूं। मुझे नहीं पता आगे क्या होगा। लेकिन रूस आने वाले युवाओं के लिए मेरा संदेश है कि सावधान रहें। यहां कई ठग हैं, जो आपको झूठे ड्रग्स केस में फंसा सकते हैं।

साहिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि कृपया मेरी मदद करें। इस बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 5 दिसंबर को कहा था कि भारत सरकार रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हुए अपने नागरिकों की रिहाई के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है और साथ ही आगे ऐसी भर्तियों को रोकने के लिए सावधानी बरतने की अपील कर रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर आयोजित एक विशेष ब्रीफिंग में मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह मुद्दा सीधे रूसी राष्ट्रपति के समक्ष उठाया और कहा कि भारतीय नागरिकों की रूसी सेना से शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हमारे प्रयास लगातार जारी हैं।

मिस्री ने भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हम ऐसे कई मामलों को देख रहे हैं, जहां लोग वहां फंसे हुए हैं और बचाए जाने की अपील कर रहे हैं। हम इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। रूस में फंसे भारतीयों के परिजन भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी के लिए हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

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