नेपाल में विरोध-प्रदर्शनों के बीच ओली ने मांगा हेलीकॉप्टर, सेना प्रमुख बोले – "पहले दो इस्तीफा"

Nepal PM Resigns: केपी शर्मा ओली की सत्ता से विदाई का अंत एक हेलीकॉप्टर की याचना पर हुआ, जो उन्हें तभी मिलता जब वे इस्तीफा देते. सेना प्रमुख सिग्देल की दो टूक शर्त ने ओली युग का अंत कर दिया.

Update: 2025-09-18 14:34 GMT
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Nepal Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर आगजनी और जन आक्रोश के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली खुद को पूरी तरह घिरा हुआ महसूस कर रहे थे. जैसे-जैसे गुस्साए प्रदर्शनकारी उनके निवास के नजदीक पहुंचते गए, ओली ने नेपाली सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल को फोन किया और राजधानी से हेलीकॉप्टर से निकलने की गुहार लगाई. लेकिन उन्हें साफ जवाब मिला कि "हेलीकॉप्टर तभी मिलेगा, जब आप इस्तीफा देंगे."

ओली सरकार के खिलाफ जनाक्रोश

केपी शर्मा ओली 2024 में अस्थिर शेर बहादुर देउबा सरकार के पतन के बाद सत्ता में लौटे थे. लेकिन भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, संसाधनों की बर्बादी और तानाशाही रवैये को लेकर उनका विरोध बढ़ता गया. 8 सितंबर से शुरू हुए जन आक्रोश ने 9 सितंबर को विकराल रूप ले लिया, जब प्रदर्शनकारी ओली के घर तक पहुंच गए.

सोशल मीडिया बैन बना चिंगारी

8 सितंबर को सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद विरोध तेज हो गया. इन प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में 19 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए.

कर्फ्यू के बावजूद सड़कों पर उतरे लोग

9 सितंबर को सरकार ने काठमांडू सहित पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया. लेकिन Gen Z और उनके माता-पिता ने आदेशों को नजरअंदाज करते हुए सड़कों पर उतरना जारी रखा. उस सुबह ओली ने नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुखों से ब्रीफिंग ली. उन्हें बताया गया कि प्रमुख नेताओं के घरों को घेर लिया गया है, लेकिन ओली ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और बस "ठीक है" कहकर सुरक्षा कड़ी करने का आदेश दे दिया.

जनता का नारा

जैसे-जैसे पुलिस फायरिंग से आक्रोश बढ़ा, प्रदर्शनकारी "नेताओं के घर घेरो" के नारे लगाने लगे. माओवादी नेता पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के घरों को निशाना बनाया गया. प्रचंड के घर पर हमला तब हुआ, जब सर्वदलीय बैठक की तैयारी हो रही थी.

सेना रही निष्क्रिय

पुलिस बल को सरकार से कोई अतिरिक्त समर्थन नहीं मिला. अधिकांश इलाकों में सुरक्षाबल या तो अनुपस्थित थे या संख्या में बेहद कम थे. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में भी ओली ने हालात को "युवा आंदोलन" कहकर नजरअंदाज कर दिया.

ओली ने सेना प्रमुख को किया कॉल

जब हालात काबू से बाहर हो गए, प्रदर्शनकारियों ने देउबा के घर पर हमला कर दिया, जहां उनकी पत्नी भी घायल हुईं, तब जाकर ओली ने सेना प्रमुख सिग्देल से मदद और हेलीकॉप्टर की मांग की. सेना प्रमुख ने दो टूक कहा – "पहले इस्तीफा दीजिए, तभी हेलीकॉप्टर मिलेगा."

Gen Z का आक्रोश

इस आंदोलन की जड़ में था 21% युवा बेरोजगारी, सत्ताधारियों की विलासिता और नेपो बेबी अभियान, जिसमें सत्तारूढ़ परिवारों की असीम संपत्ति और भ्रष्टाचार को उजागर किया गया. सिर्फ ऑनलाइन बोलने से कुछ नहीं होगा, सड़कों पर उतरना होगा– यह नारा वायरल हुआ और देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए.

संसद जली, पुलिस थाने टूटे

प्रदर्शनकारियों ने संसद (सिंह दरबार), कई नेताओं के घर और सरकारी भवनों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछारों और गोलियों का इस्तेमाल किया, लेकिन भीड़ को रोकना संभव नहीं हुआ. अस्पताल घायल प्रदर्शनकारियों से भर गए.

ओली का इस्तीफा और सेना की वापसी

स्थिति पूरी तरह बिगड़ने के बाद ओली का इस्तीफा राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भेजा गया. उसी रात सेना प्रमुख सिग्देल के नेतृत्व में व्यवस्था बहाल की गई.

नेपाल को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री

जल्द ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, जिन्हें Gen Z द्वारा ऑनलाइन पोल के माध्यम से चुना गया, को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. वे नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.

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