ना ना करते एस्ट्राजेनेका ने मान ली बात, कोविशील्ड से है साइड इफेक्ट

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन को प्रभावी बताया जाता है. लेकिन साइड इफेक्ट को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-04-30 06:52 GMT

Covishield Vaccine Side Effects:  बात बहुत पुरानी नहीं है. याद करिए आज से तीन साल पहले 2021 का वो साल, महीना गर्मी के थे. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, दवाओं की कमी, श्मशानों में लाश को जलाने के लिए लंबी कतारों में इंतजार. दुश्मन कोई और नहीं कोरोना वायरस था. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के अलग अलग हिस्सों में वैक्सीन पर शोध चल रहे थे. उम्मीद थी कि कुछ ना कुछ रास्ता जरूर बनेगा और वो बना भी. दुनिया को कोविशील्ड मिली जिसे एस्ट्राजेनेका ने बनाया था. वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हुई, लोगों का टीकाकरण हुआ. कोरोना के आतंक से मुक्ति मिली. लेकिन सवाल यह भी उठने लगे कि कोविशील्ज की वजह से खून में थक्के बन रहे हैं और उसका असर दिल पर पड़ रहा है. पहले तो एस्ट्राजेनेका सिरे से इस तरह के आरोप को नकारती रही. हालांकि लंदन की अदालत में किंतु परंतु के साथ माना है कि कोविशील्ड के साइड इफेक्ट हैं.

एस्ट्राजेनेका का यू टर्न

द टेलीग्राफ यूके की रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्राजेनेका फर्म ने अदालत में डॉक्यूमेंट पेश किए हैं. उस दस्तावेज में माना है कि रेयर केस में कोविशील्ड की वजह से खून में थक्के, प्लेटलेट काउंट में कमी हो सकती है. यहां बता दें कि भारत में कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है. दरअसल यूके की हाईकोर्ट में कोविशील्ड वैक्सीन के खिलाफ 51 से अधिक मुकदमे दायर किये गए है जिनमें 100 मिलियन पाउंड जु्र्माना देने की याचिका भी है. केस दायर करने वालों का कहना है कि कोविशील्ड की वजह से ही उन्होंने अपमे करीबियों को खोया. यूके की सरकार से एस्ट्रोजेनेका को प्रोटेक्शन हासिल है और सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है.

क्या है मामला

इस मामले में जैमी स्टॉक नाम के एक शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने अप्रैल 2021 में कोविशील्ड की डोज ली थी.डोज की वजह से उसके दिमाग में खून का थक्का जमा और उसके ब्रेन पर असर पड़ा. इस वजह से उसके काम पर असर पड़ा. यही नहीं अस्पताल ने उसकी पत्नी को बताया कि वो तीन बार मौत के बेहद करीब था. हालांकि  ने दावे पर सवाल खड़े किए, लेकिन इसी साल फरवरी 2024 में कोर्ट में पेश एक दस्तावेज में माना कि रेयर केस में टीटीएस की दिक्कत हो सकती है. टीटीएस का अर्थ थ्रांबोसिस विद थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम होता है और इसकी वजह से ब्लड क्लॉटिंग और प्लेटलेट काउंट में कमी आ सकती है. वैक्सीन की वजब से टीटीएस के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. यह बिना वैक्सीन के भी संभव है.

वैक्सीन से टीटीएस का खतरा

जैमी स्कॉट मामले में एस्ट्राजेनेका के इस यू टर्न के बाद जुर्माना देना पड़ सकता है. हालांकि अदालत में ताजा बयान 2023 के उस स्टेटमेंट से पूरी तरह अलग है जिसमें वैक्सीन की वजह से टीटीएस की संभावना को नकार दिया था. इन सबके बीच एस्ट्रोजेनेका ने कोविशील्ड के दोषपूर्ण होने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. ये बात अलग है कि 2021 में जब कोविशील्ड को बाजार में उतारा गया तबसे ही वैज्ञैनिकों मे कहा वैक्सीन से प्रेरित थ्रांबोसाइटोपेनिया एंड थ्रांबोसिस से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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