भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का स्पेस जाना फिर टला, लॉन्चिंग की अब नई तारीख
ISRO ने भी देरी की पुष्टि करते हुए कहा कि लीक को ठीक करने और आवश्यक परीक्षणों को पूरा करने के बाद ही लॉन्च की मंजूरी दी जाएगी।;
भारत के शुभांशु शुक्ला को लेकर चर्चित Axiom-4 मिशन को एक बार फिर से टाल दिया गया है और अब इसका लॉन्च 22 जून को प्रस्तावित किया गया है। इससे नासा को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के एवेज़्दा सेवा मॉड्यूल के हालिया मरम्मत कार्य के बाद स्टेशन के संचालन का आकलन करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा।
मिशन पहले 29 मई को लॉन्च होने वाला था, जिसे पहले 8 जून और फिर 11 जून के लिए टाल दिया गया था। अब एक बार फिर इसे स्थगित कर 22 जून कर दिया गया है।
Axiom की ओर से जारी बयान में कहा गया, “लॉन्च की नई तारीख इसलिए तय की गई है ताकि नासा, अंतरिक्ष स्टेशन के सबसे पिछले हिस्से, एवेज़्दा सेवा मॉड्यूल, में हाल ही में किए गए मरम्मत कार्य के बाद स्टेशन के संचालन की पूरी तरह से समीक्षा कर सके।”
मिशन को नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना है। इससे पहले SpaceX ने बूस्टर निरीक्षण के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) रिसाव का पता लगाया था, जिसके चलते लॉन्च को टालना पड़ा।
ISRO ने भी देरी की पुष्टि करते हुए कहा, "लीक को ठीक करने और आवश्यक परीक्षणों को पूरा करने के बाद ही लॉन्च की मंजूरी दी जाएगी।"
मिशन की टीम में कमांडर पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, पायलट भारत के शुभांशु शुक्ला, मिशन स्पेशलिस्ट पोलैंड के स्लावोस्ज़ उज़्नांस्की (ESA) और हंगरी के तिबोर कापू शामिल हैं।
यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए पिछले 40 वर्षों में पहली सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान है।
शुभांशु शुक्ला ने कहा, “यह मिशन केवल मेरे बारे में नहीं है, यह उससे कहीं बड़ा है। मेरा उद्देश्य है कि यह यात्रा भारत के बच्चों में जिज्ञासा जगाए। अगर यह कहानी किसी एक जीवन को भी बदल सके, तो यह एक सफलता होगी।”
ये स्पेस मिशन 14 दिनों का है। जिसमें 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे और 31 देशों का प्रतिनिधित्व होगा। इस रिसर्च के जरिये सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण, जैविक और भौतिक विज्ञान और पृथ्वी अवलोकन का अध्ययन किया जाएगा।
यह Axiom का अब तक का सबसे शोध-केंद्रित मिशन माना जा रहा है। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग को और गहरा करने का संकेत भी देता है।