बांग्लादेश में नहीं थमा हिन्दुओं पर अत्याचार, थाने में घुस कर भीड़ ने की छात्र की हत्या

बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के लिए मानवाधिकार कांग्रेस नामक एक वकालत संगठन ने यह दावा किया और पूछा कि क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय अल्पसंख्यकों पर हमलों के प्रति मूकदर्शक बना रहेगा?

Update: 2024-09-06 05:56 GMT

Atrocities on Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में एक पुलिस स्टेशन के अंदर भीड़ ने कथित तौर पर एक हिंदू युवक की हत्या कर दी, क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में “आपत्तिजनक टिप्पणी” की थी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश अल्पसंख्यक मानवाधिकार कांग्रेस (एचआरसीबीएम) ने एक्स पर इस बारे में ट्वीट किया. एचआरसीबीएम का दावा है कि वो एक वकालत संगठन है जो बांग्लादेश में लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है.


पुलिस थाने के अन्दर सेना के सामने की हत्या
एक्स पर अपने पोस्ट में एचआरसीबीएम ने दावा किया कि बांग्लादेश के खुलना शहर में एक कॉलेज छात्र उत्सव मंडोल (एक हिंदू युवक) की इस्लामवादियों ने हत्या कर दी. उसके खिलाफ आरोप ये था कि उसने सोशल मीडिया पर एक ऐसा बयान पोस्ट किया था जिसे ईशनिंदा माना गया था. समूह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी फोरेंसिक सबूत के उसे हिरासत में लिया और भीड़ ने सेना के जवानों की मौजूदगी में पुलिस स्टेशन में उसकी हत्या कर दी.
वकालत समूह ने कहा कि भीड़ द्वारा की गई हत्या मानवीय मानदंडों का उल्लंघन करती है और इस अपराध के दोषियों को सजा नहीं मिली है. इसने यह भी कहा कि कुछ बांग्लादेशी मीडिया कह रहा है कि यह अपराध हुआ ही नहीं.
"क्या बांग्लादेश में न्याय होगा? क्या बांग्लादेश के लोग अंधेरी ताकतों के खिलाफ उठ खड़े होंगे और सही और गलत को पहचानेंगे और पहले इंसान होने की बात करेंगे? समकाल ने यह खबर प्रकाशित की और उसके बाद से इसे अपनी वेबसाइट से हटा दिया, लेकिन हमारे पास इसकी एक प्रति है। क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन अत्याचारों के प्रति मूकदर्शक बना रहेगा?" एचआरसीबीएम ने अपने पोस्ट में आगे लिखा.


हिंदुओं पर हमले सांप्रदायिक से अधिक राजनीतिक: यूनुस

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. उन्होंने दावा किया कि हमले सांप्रदायिक से ज़्यादा राजनीतिक थे, क्योंकि ऐसी धारणा थी कि ज़्यादातर हिंदू शेख हसीना और उनकी अवामी लीग का समर्थन करते हैं.
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में इसका जिक्र किया और उम्मीद जताई कि पड़ोसी देश में हालात जल्द ही सामान्य हो जाएंगे.



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