बांग्लादेश की बीएनपी ने भारत को चेताया, कहा शेख हसीना 'दुश्मन' साथ दिया तो सहयोग मुश्किल

बीएनपी पदाधिकारी गायेश्वर रॉय ने कहा, "शेख हसीना की ज़िम्मेदारी भारत द्वारा वहन की जा रही है. भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक-दूसरे से कोई समस्या नहीं है."

Update: 2024-08-09 10:52 GMT

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने स्पष्ट किया है कि वो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण देने के लिए भारत सरकार से नाखुश है. पार्टी ने कहा है कि अगर नई दिल्ली हमारे दुश्मन 'शेख हसीना' की मदद करेगी तो दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग करना मुश्किल होगा. ज्ञात रहे कि बीएनपी हसीना की अवामी लीग पार्टी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है. नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ़ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना ने इस्तीफ़ा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गयीं. वो सोमवार (5 अगस्त) को बांग्लादेश के सैन्य विमान से दिल्ली के पास हिंडन एयर बेस पहुँचीं.

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली और उन्हें ढाका में एक समारोह में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पद की शपथ दिलाई. वरिष्ठ बीएनपी पदाधिकारी गायेश्वर रॉय ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि भारत और बांग्लादेश को आपसी सहयोग करना होगा और भारत सरकार को इस भावना के अनुरूप “समझना और व्यवहार करना होगा”.

रॉय, जो बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य हैं, जो इसकी सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, ने कहा, "बीएनपी का मानना है कि बांग्लादेश और भारत को आपसी सहयोग करना चाहिए. भारत सरकार को इस भावना को समझना होगा और उसी तरह व्यवहार करना होगा. लेकिन अगर आप हमारे दुश्मन की मदद करते हैं तो उस आपसी सहयोग का सम्मान करना मुश्किल हो जाता है." 1991 में मंत्री रहे रॉय ने कहा, "हमारे पूर्व विदेश मंत्री (हसीना सरकार में) ने पिछले चुनावों से पहले यहां कहा था कि भारत शेख हसीना की सत्ता में वापसी में मदद करेगा. शेख हसीना की जिम्मेदारी भारत उठा रहा है. भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक-दूसरे से कोई समस्या नहीं है. लेकिन क्या भारत को एक पार्टी को बढ़ावा देना चाहिए, पूरे देश को नहीं?"

इस बीच, हसीना के बेटे साजिद वाजेद जॉय ने कहा है कि लोकतंत्र बहाल होते ही उनकी मां बांग्लादेश लौट आएंगी और उन्होंने देश में चल रही अशांति को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार ठहराया. जॉय ने पीटीआई को बताया कि हालांकि 76 वर्षीय हसीना निश्चित रूप से बांग्लादेश लौट आएंगी, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि वह एक "सेवानिवृत्त या सक्रिय" राजनेता के रूप में वापस आएंगी.

उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा, "हां, ये सच है कि मैंने कहा था कि वो बांग्लादेश वापस नहीं लौटेगी. लेकिन देश भर में हमारे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमलों के बाद पिछले दो दिनों में बहुत कुछ बदल गया है. अब हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जो भी करना होगा, करेंगे; हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे."

उन्होंने कहा, "अवामी लीग बांग्लादेश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है, इसलिए हम अपने लोगों से दूर नहीं जा सकते. लोकतंत्र बहाल होने के बाद वह निश्चित रूप से बांग्लादेश लौट आएंगी." अवामी लीग को भारत का ‘सदाबहार सहयोगी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर बांग्लादेश में अवामी लीग के नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.


(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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