लॉर्ड स्वराज पॉल का निधन: ब्रिटेन में दान और व्यावसायिक कुशलता के लिए बनी पहचान

हालाँकि पॉल ब्रिटिश नागरिक बन गए थे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी भारतीय जड़ों को नहीं भुलाया। 1975 में उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए इंडो-ब्रिटिश एसोसिएशन की स्थापना की।;

Update: 2025-08-23 04:16 GMT
94 वर्ष की उम्र में लॉर्ड स्वराज पॉल का 22 अगस्त को लंदन में निधन हो गया। (फोटो: पीटीआई)

भारतीय मूल के उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल पहली बार 1966 में लंदन आए थे, अपनी तीन वर्षीय बेटी अंबिका के इलाज के लिए, जिसे ल्यूकेमिया था। दुर्भाग्यवश, छोटी अंबिका जीवित नहीं रह सकी, लेकिन स्वराज पॉल ने लंदन में ही बसने और ब्रिटेन को अपना घर बनाने का फैसला किया। संयोग से, उनका निधन भी उसी अंबिका हाउस (ऑक्सफोर्ड सर्कस में BBC दफ्तर के पास) में हुआ, जहाँ वे रहते थे। उनकी आयु 94 वर्ष थी।

कैपरो ग्रुप से शुरुआत

स्वतंत्रता के बाद जब एनआरआई व्यवसाय जगत में बड़ा नाम नहीं थे, तब स्वराज पॉल पहले प्रमुख भारतीय उद्योगपति बने जिन्होंने ब्रिटेन में अपनी पहचान बनाई। 1968 में उन्होंने कैपरो ग्रुप (Caparo Group) की शुरुआत की। £5,000 के बैंक लोन से शुरू हुई यह स्टील कंपनी 21वीं सदी की शुरुआत तक £500 मिलियन से अधिक के राजस्व तक पहुँच गई। पॉल ब्रिटेन के सबसे अमीर एशियाई उद्योगपतियों में शामिल हुए, जिनकी संपत्ति £1 बिलियन से अधिक आंकी गई।

जालंधर से MIT तक

स्वराज पॉल का जन्म 18 फरवरी 1931 को जालंधर (तत्कालीन ब्रिटिश भारत) में हुआ था। उनके पिता प्यारेलाल जालंधर में एक छोटा फाउंड्री चलाते थे, जिसमें स्टील की बाल्टियाँ और खेती के उपकरण बनते थे। पॉल ने लब्बू राम दोआबा स्कूल से पढ़ाई की, इसके बाद दोआबा कॉलेज और लाहौर के फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज से उच्च शिक्षा ली। उन्होंने 1949 में पंजाब विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री ली और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), अमेरिका से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की।

भारत वापसी और व्यावसायिक सफलता

MIT से लौटने के बाद पॉल ने अपने पारिवारिक कारोबार अपीजे ग्रुप में काम किया, लेकिन उनकी असली पहचान कैपरो के जरिए बनी। लंदन मुख्यालय वाला यह समूह 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय केंद्रों से काम करता था और वैश्विक ग्राहकों को सेवा देता था। 1996 में पॉल ने कंपनी की जिम्मेदारी बेटे अंगद पॉल को सौंप दी, लेकिन 2015 में अंगद का आकस्मिक निधन हो गया। यह पॉल के जीवन की दूसरी बड़ी व्यक्तिगत त्रासदी थी।

आज कैपरो दुनिया भर में 8,500 लोगों को रोजगार देता है और इसे पॉल के तीन बच्चे  अंबर, आकाश और अंजलि संभाल रहे हैं। यह पूरी तरह से सिंगल फैमिली ओन्ड सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक है।

भारतीय जड़ों से जुड़ाव

ब्रिटिश नागरिकता लेने के बावजूद पॉल ने अपनी भारतीय पहचान को जीवित रखा। उन्होंने 1975 में इंडो-ब्रिटिश एसोसिएशन की स्थापना की और अध्यक्ष बने। पॉल का प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से करीबी संबंध था और 1983 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

1980 के दशक की शुरुआत में उन्होंने एस्कॉर्ट्स और DCM पर अधिग्रहण (टेकओवर) की कोशिश की, जो भारत की शुरुआती शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण बोली थी। हालाँकि ये प्रयास असफल रहे, लेकिन इससे भारतीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस की कमजोरियाँ उजागर हुईं और NRI निवेश व कॉर्पोरेट नियंत्रण सुधारों को बढ़ावा मिला।

राजनीति और परोपकार

व्यवसाय जगत के साथ-साथ पॉल ब्रिटेन के सामाजिक और राजनीतिक हलकों में भी सक्रिय रहे। वे 1996 में हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य बने और बैरोन पॉल ऑफ मैरिलबोन की उपाधि मिली। हालाँकि यह उपाधि कंजर्वेटिव प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने दी थी, लेकिन पॉल हमेशा लेबर पार्टी के करीबी रहे। वे लेबर नेता माइकल फुट के प्रशंसक थे और उनके कहने पर ही पार्टी से जुड़े। वे गॉर्डन ब्राउन के चुनाव अभियान के बड़े दानदाताओं में से एक रहे।

विवाद और आलोचना

2010 में उन्हें खर्च घोटाले के आरोप में चार महीने के लिए हाउस ऑफ लॉर्ड्स से निलंबित कर दिया गया। उन्होंने ऑक्सफ़ोर्डशायर के फ्लैट को अपना मुख्य निवास दिखाया था, जबकि वे वहाँ कभी नहीं रहते थे, और इस आधार पर लंदन में रहने के लिए भत्ते का दावा किया। बाद में उन्होंने £42,000 वापस कर दिए।

वे HSBC बैंक के माध्यम से स्विस खातों में धन रखने वाले उच्च-प्रोफ़ाइल व्यक्तियों में भी शामिल थे, लेकिन पॉल ने हमेशा कहा कि वे ब्रिटेन के कर कानूनों का पूरी तरह पालन करते थे।

याद रहेंगे परोपकार से

लॉर्ड पॉल अपनी परोपकार की भावना के लिए सबसे अधिक याद किए जाते हैं। जब लंदन ज़ू बंद होने की कगार पर था, तो उन्होंने बड़ा दान देकर इसे बचाया। उन्होंने वहाँ अंबिका पॉल चिल्ड्रन ज़ू और अंबिका पॉल मेमोरियल गार्डन बनवाया, क्योंकि बेटी अंबिका के कैंसर इलाज के दौरान उन्हें वहाँ घुमाना उनकी सबसे प्यारी यादों में से था।

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