ममता बनर्जी के शरण देने वाले बयान पर बांग्लादेश ने जताई को आपत्ति

बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा, "हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी टिप्पणियों से भ्रम पैदा होने की काफी गुंजाइश है."

Update: 2024-07-24 10:38 GMT

बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार को एक नोट भेजा है। | फाइल फोटो

Bangladesh Violence Protest: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के के बयान को लेकर पडोसी मुल्क बांग्लादेश ने आपत्ति जताई है और इस सन्दर्भ में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. बांग्लादेश में चल रहे तनाव के दौरान ममता बनर्जी ने ये बयान दिया था कि संघर्षरत बांग्लादेश से आये असहाय लोगों को आश्रय देने के लिए उनके राज्य के दरवाजे खुले हैं. पड़ोसी देश ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए नई दिल्ली को एक नोट भेजा है.


बांग्लादेश ने कहा ममता का बयान भ्रम पैदा करने वाला
सोमॉय टीवी के हवाले से बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा, "पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति पूरा सम्मान रखते हुए, जिनके साथ हमारे बहुत मधुर और करीबी संबंध हैं, हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी टिप्पणियों में भ्रम पैदा करने की बहुत गुंजाइश है. इसलिए, हमने भारत सरकार को एक नोट भेजा है." कुछ दिन पहले ममता ने कहा था कि वो पड़ोसी देश से संकट में फंसे लोगों के लिए अपने राज्य के दरवाजे खुले रखेंगी तथा बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर उन्हें आश्रय देंगी.
उन्होंने संभावित मानवीय संकट पर अपने रुख के औचित्य के लिए शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया, जो पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी देश में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति के कारण उत्पन्न हो सकता है.

क्या कहा था ममता बनर्जी ने
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की 'शहीद दिवस' रैली में कहा, "मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वो एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहने की जरूरत है वो केंद्र का विषय है. लेकिन मैं आपको ये बता सकती हूं कि अगर असहाय लोग पश्चिम बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांति वाले क्षेत्रों के निकटवर्ती क्षेत्रों में शरणार्थियों को जगह देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव है." उन्होंने असम के लोगों का उदाहरण दिया, जिन्हें पूर्वोत्तर राज्य के बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में संघर्ष के दौरान काफी समय तक उत्तरी पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती अलीपुर द्वार जिले में रहने की अनुमति दी गई थी.
उन्होंने पश्चिम बंगाल के लोगों से अपील की कि वे बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति से संबंधित मामलों को लेकर उत्तेजित न हों. उन्होंने कहा, "हमें संयम बरतना चाहिए और इस मुद्दे पर किसी भी तरह के उकसावे या उत्तेजना में नहीं आना चाहिए."


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