भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर विराम, ट्रंप ने टैरिफ को बताया रोड़ा

अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ 50% कर दिया है। अब ट्रंप ने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद नहीं सुलझेगा, भारत से व्यापार वार्ता नहीं होगी।;

Update: 2025-08-08 01:11 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत के साथ व्यापार वार्ता तब तक शुरू नहीं होगी जब तक टैरिफ (शुल्क) से जुड़ा विवाद सुलझ नहीं जाता। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50% कर दिया है।

व्हाइट हाउस में ओवल ऑफिस के भीतर जब समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्रंप से पूछा कि क्या इस टैरिफ वृद्धि के बाद वार्ताएं फिर से शुरू हो सकती हैं, तो उन्होंने दो टूक कहा नहीं, जब तक यह मामला सुलझता नहीं है।


बुधवार को व्हाइट हाउस ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इससे कुल शुल्क अब 50% हो गया है। इस कदम के पीछे ट्रंप प्रशासन ने "राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति" से जुड़ी चिंताओं को जिम्मेदार ठहराया है। आदेश में कहा गया है कि भारत का रूस से तेल आयात चाहे वह सीधे हो या किसी अन्य देश के माध्यम से  अमेरिका के लिए असामान्य और असाधारण खतरा पैदा करता है। इसी कारण आपातकालीन आर्थिक उपायों को आवश्यक बताया गया है।

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती 25% टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि अतिरिक्त शुल्क 21 दिनों बाद प्रभावी होगा। यह सभी भारतीय वस्तुओं पर लागू होगा, हालांकि वे वस्तुएं जो पहले ही रास्ते में हैं या कुछ छूट वाले श्रेणियों में आती हैं, उन्हें इससे छूट मिलेगी।इस आदेश में यह भी प्रावधान है कि यदि भौगोलिक या राजनीतिक परिस्थिति बदले, या भारत कोई प्रतिकारात्मक कदम उठाए, तो राष्ट्रपति इन नियमों में बदलाव कर सकते हैं।

पीएम मोदी का कड़ा जवाब

इस फैसले पर भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा था कि भारत किसी भी दबाव में अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है।भारत कभी भी किसानों, मछुआरों और दुग्ध उत्पादकों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि हमें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, और मैं इसके लिए तैयार हूं। भारत इसके लिए तैयार है।

भारत लंबे समय से कृषि और दुग्ध क्षेत्र को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने की नीति पर कायम है, क्योंकि इससे करोड़ों ग्रामीण परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है।

व्यापार युद्ध की ओर बढ़ते कदम

यह घटनाक्रम भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापार तनाव को दर्शाता है, जिसमें दोनों देश अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को लेकर अडिग नजर आ रहे हैं। अमेरिका जहां रूस से भारत के संबंधों को लेकर चिंता जता रहा है, वहीं भारत आंतरिक आर्थिक सुरक्षा और ग्रामीण हितों के मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता।यह टकराव आने वाले हफ्तों में और गहराने की आशंका जता रहा है, खासकर अगर दोनों देशों के बीच कोई कूटनीतिक समाधान नहीं निकलता है

Similar News