बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को पत्र भेजा
ढाका का नया डिप्लोमैटिक अनुरोध बढ़ते राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आया है, जिसमें पूर्व PM पर पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान क्रूर कार्रवाई का आरोप है।
By : The Federal
Update: 2025-11-23 16:56 GMT
Bangladesh Sheikh Hasina : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हटाई गई पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को एक “औपचारिक पत्र” भेजा है। यह जानकारी रविवार को सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार ने दी। विदेश मामलों के सलाहकार एमडी तौहीद हुसैन ने सरकारी समाचार एजेंसी BSS को बताया कि पत्र परसों भेजा गया था।
उन्होंने और विवरण देने से इंकार किया। एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि यह नोट वर्बल (औपचारिक कूटनीतिक पत्र) नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के माध्यम से भारत को भेजा गया।
ICT ने हसीना को अनुपस्थित सुनवाई में मौत की सज़ा सुनाई
17 नवंबर को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) ने 78 वर्षीय हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को “मानवता के खिलाफ अपराध” के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई।
दोनों का मुकदमा अनुपस्थित में हुआ।
हसीना वर्तमान में भारत में मौजूद हैं, जबकि कमाल के भी भारत में छिपे होने की आशंका है।
छात्र आंदोलन ने गिराई थी हसीना सरकार
पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए हिंसक ‘जुलाई विद्रोह’ में बड़े पैमाने पर छात्र आंदोलन भड़का, जिसके बाद हसीना सरकार सत्ता से बाहर हो गई। इसके तीन दिन बाद, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस पेरिस से ढाका लौटे और छात्रों के आग्रह पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला।
हसीना और उनके दो सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए क्रूर बल का इस्तेमाल किया था। एक UN मानवाधिकार रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी।
भारत को पहले भी भेजा गया था प्रत्यर्पण अनुरोध
अंतरिम सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भी हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत को नोट वर्बल भेजा था। उस समय भारत ने सिर्फ इसकी प्राप्ति की पुष्टि की थी, लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की।
इस बार सज़ा के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने इस फैसले पर ध्यान दिया है, भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों, शांति, लोकतंत्र, समावेशन और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्ध है। हम सभी हितधारकों से रचनात्मक रूप से संवाद जारी रखेंगे।