बांग्लादेश ने फिर दोहराया भारत से हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा

बांग्लादेश मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए दर्ज मामलों में सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए आईसीटी के समक्ष आवेदन करेगा

Update: 2024-09-10 05:09 GMT

Sheikh Hasina Extradition : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक बार फिर से ये दोहराया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने के लिए उचित कदम उठाएगी. इस बार बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के नवनियुक्त मुख्य अभियोजक ने रविवार (8 सितंबर) को कहा कि बांग्लादेश अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा, ताकि उनके खिलाफ छात्र-नेतृत्व वाले जन आंदोलन के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों का मुकदमा चलाया जा सके.

5 अगस्त को चरम पर पहुंचे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं.

शेख हसीना समेत अन्य फरार आरोपियों के खिलाफ जारी किये जायेंगे वारंट
डेली स्टार समाचार पत्र ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम के हवाले से कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि के तहत वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि जुलाई और अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों पर उन पर मुकदमा चलाया जा सके."
उन्होंने ढाका में आईसीटी परिसर में एक प्रेस वार्ता में कहा, "जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अपना काम फिर से शुरू करेगा तो हम सामूहिक हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के मामलों में शेख हसीना सहित सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए उसके समक्ष आवेदन दायर करेंगे." एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आयकर विभाग में दायर नए मामलों की सुनवाई के लिए मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अधिनियम में संशोधन के बारे में सरकार के साथ परामर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा.

'साक्ष्य एकत्रित करना बड़ा काम'
इस्लाम ने कहा, "आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सूचना, दस्तावेज और साक्ष्य देश भर से एकत्र किए जाएंगे और उन्हें संकलित कर जांचना होगा तथा न्यायाधिकरण के समक्ष उचित तरीके से रखना होगा, जो बहुत चुनौतीपूर्ण और बड़ा काम है." अंतरिम सरकार की स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां बेगम के अनुसार, हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं.

आईसीटी ने पिछले महीने ही शुरू की है जाँच
बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने पिछले महीने हसीना और नौ अन्य के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों की जांच शुरू की थी, जो 15 जुलाई से 5 अगस्त तक छात्र जन आंदोलन के दौरान हुए थे. इस्लाम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण और इसकी जांच टीम को नए न्यायाधीशों और जांचकर्ताओं की नियुक्ति करके पुनर्गठित करना होगा, क्योंकि हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद देश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद पिछली सरकार द्वारा नियुक्त पूर्व न्यायाधीश, अभियोजन टीम और जांच एजेंसी ने पद छोड़ दिया है.

( एजेंसी इनपुट्स के साथ )


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