माउंट एवरेस्ट पर बर्फ़ीला तूफ़ान, ट्रेकर्स की जान पर बनी आफत

माउंट एवरेस्ट की तिब्बती ढलानों पर बर्फ़ीला तूफ़ान आने से 1,000 लोग फंस गए हैं। नेपाल में भारी बारिश से 52 की मौत, जबकि चीन में टायफून मैटमो ने तबाही मचाई।

Update: 2025-10-06 06:27 GMT
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तिब्बत की दूरस्थ हिमाच्छादित ढलानों पर रविवार (5 अक्टूबर) को बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया गया, जहां माउंट एवरेस्ट की पूर्वी ओर कैंपों में लगभग 1,000 लोग बर्फ़ीले तूफ़ान में फंस गए हैं। यह क्षेत्र समुद्र तल से करीब 4,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। स्थानीय ग्रामीणों और बचाव टीमों की सैकड़ों टुकड़ियों को भेजा गया है ताकि भारी बर्फ़ से ढके रास्तों को साफ किया जा सके।स्थानीय मीडिया के हवाले से बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ पर्यटकों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। शुक्रवार शाम (3 अक्टूबर) से भारी हिमपात शुरू हुआ था, जो अब एवरेस्ट की पूर्वी ढलानों पर और तेज़ हो गया है। यह इलाका पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स के बीच बेहद लोकप्रिय है।

ठंड से मौत का खतरा

रविवार तक करीब 350 ट्रेकर्स क्यूडांग (Qudang) नामक छोटे से कस्बे तक पहुंच चुके थे। इनमें से एक ट्रेकर ने रॉयटर्स को बताया कि पहाड़ों में इतनी ठंड और नमी है कि हाइपोथर्मिया (Hypothermia) यानी शरीर के तापमान के गिरने का खतरा बहुत ज्यादा है। उसने यह भी कहा कि “ऐसा मौसम अक्टूबर में सामान्य नहीं होता, मेरे गाइड ने कहा कि उसने अपने जीवन में ऐसा अत्यधिक मौसम पहले कभी नहीं देखा।”

कई गाइडों का अब तक पता नहीं, स्थिति अस्पष्ट

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह स्पष्ट नहीं है कि स्थानीय गाइडों और ट्रेकिंग दलों के सहयोगियों का क्या हाल है। वहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है कि एवरेस्ट के उत्तर दिशा वाले हिस्से (जो तिब्बत में ही आता है) में फंसे ट्रेकर्स पर भी इसका असर हुआ या नहीं।चीन में जिसे माउंट क़ोमोलांग्मा (Mt Qomolangma) कहा जाता है, वह 8,849 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। इसका नॉर्थ फेस (North Face) पक्की सड़क से आसानी से पहुंचने योग्य होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। आमतौर पर अक्टूबर का महीना साफ आसमान और चढ़ाई के लिए सर्वोत्तम मौसम माना जाता है, लेकिन इस बार मौसम ने सबको चौंका दिया है।इस साल चीन में आठ दिन की राष्ट्रीय छुट्टियों के चलते एवरेस्ट की तिब्बती ढलानों पर ट्रेकर्स की संख्या सामान्य से अधिक रही।

नेपाल में भी तबाही: 52 लोगों की मौत

पड़ोसी देश नेपाल भी इस बार भारी बारिश और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगातार बारिश से आई फ्लैश फ्लड्स और लैंडस्लाइड्स में अब तक 52 लोगों की जान जा चुकी है।

दक्षिण चीन में ‘टायफून मैटमो’ का प्रकोप

इस बीच, टायफून मैटमो (Typhoon Matmo) जो 2025 के प्रशांत चक्रवात सीजन का 21वां नामित तूफान है। रविवार (5 अक्टूबर) को दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत के झानजियांग शहर के ज़ुवेन काउंटी में लैंडफॉल किया।स्थानीय सरकारों ने ग्वांगडोंग और हैनान प्रांतों से करीब 3.47 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, क्योंकि इस तूफान की अधिकतम गति 151 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई थी।

एक ओर जहां एवरेस्ट की बर्फ़ीली ढलानों पर हजारों ट्रेकर्स जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर टायफून मैटमो ने दक्षिण चीन में तबाही मचाई है। मौसम के इस दोहरे प्रकोप ने पूरे एशिया में मानव सुरक्षा और जलवायु अस्थिरता को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

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