अमेरिकी सामानों पर 25 फीसद टैरिफ, अब कनाडा भी एक्शन में

टैरिफ के मुद्दे पर अब कनाडा ने भी अमेरिका को जवाब दे दिया है। अमेरिकी सामानों पर जस्टिन ट्रूडो ने 25 फीसद टैरिफ लगा दिया है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-03-05 01:18 GMT

 Canada America Tariff War: ऐसा लगता है कि अब अमेरिका को जोर उतना नहीं रहा। अमेरिका दूसरे देशों के कान को ऐंठ सकता है। लेकिन अब उसे जवाब नहीं मिल सकता, उसकी संभावना कम हो गई है। अब आप देख सकते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के सामान पर 25 फीसद टैरिफ तो लगा दिया। लेकिन अब बदले में कनाडा भी पीछे नहीं रहा। कनाडा के पीएम ट्रूडो ने ट्रंप के ट्रेड वार तो बेवकूफी भरा कदम बताया। 

जस्टिन ट्रूडो ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापक टैरिफ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने इसे "व्यापार युद्ध" करार देते हुए कहा कि इसका सबसे अधिक नुकसान अमेरिकी परिवारों को होगा। ट्रूडो ने जोर देकर कहा कि कनाडाई लोग "समझदार" और "विनम्र" होते हैं, लेकिन जब उनके देश की भलाई दांव पर होती है, तो वे लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।

मंगलवार को संसद भवन से बोलते हुए, ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की और कहा कि ये टैरिफ लगाना "बेहद मूर्खतापूर्ण कदम" है। उन्होंने सवाल उठाया कि ट्रंप एक तरफ व्लादिमीर पुतिन के साथ सहयोग कर रहे हैं, जिसे ट्रूडो ने "हत्यारा और तानाशाह" बताया, जबकि दूसरी ओर वे कनाडा, जो अमेरिका का करीबी सहयोगी और मित्र है, उस पर टैरिफ लगा रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "आज अमेरिका ने कनाडा के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ दिया है। अपने सबसे करीबी सहयोगी और मित्र के खिलाफ।"अमेरिकी टैरिफ के जवाब में, कनाडा ने 155 बिलियन डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इसमें से 30 बिलियन डॉलर के सामानों पर तुरंत टैरिफ लागू किया जाएगा, जबकि शेष 125 बिलियन डॉलर के सामानों पर 21 दिनों के भीतर लागू किया जाएगा। इसके साथ ही, ट्रूडो ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के "गैरकानूनी टैरिफ" को चुनौती देने की भी घोषणा की, क्योंकि यह दोनों देशों के मुक्त व्यापार समझौते का उल्लंघन है।

ट्रूडो ने अमेरिकी जनता को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि इन टैरिफ का परिणाम महंगाई में वृद्धि और अमेरिकी नौकरियों के नुकसान के रूप में सामने आएगा, खासकर उन उद्योगों में जो कनाडा पर निर्भर हैं। उन्होंने ट्रंप से अपील की कि दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि उत्तरी अमेरिका में समृद्धि बनी रहे। "उन्होंने खुद ही अपने एजेंडे को नष्ट करने का फैसला किया है। इन टैरिफ का कोई औचित्य नहीं है और न ही इनकी कोई जरूरत है।"

कनाडाई सरकार ने यह भी घोषणा की कि व्यापार युद्ध से प्रभावित कनाडाई नागरिकों की सहायता के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इनमें नौकरियां गंवाने वाले लोगों के लिए अतिरिक्त समर्थन और प्रभावित व्यवसायों को आर्थिक मदद देना शामिल है। ट्रूडो ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कनाडा की अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए "बिना रुके संघर्ष" करेगी।

उन्होंने फेंटानाइल मुद्दे पर भी बात की और ट्रंप के उस दावे को "पूरी तरह झूठा" बताया कि कनाडा इस समस्या से निपटने के लिए तैयार नहीं है।ट्रूडो ने आगे कहा कि ट्रंप कनाडा की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद होते देखना चाहते हैं, ताकि अमेरिका के लिए कनाडा पर कब्जा करना आसान हो जाए। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ऐसा कभी नहीं होगा और "कनाडा कभी भी अमेरिका का 51वां राज्य नहीं बनेगा।"

ट्रूडो, जो कनाडा के निवर्तमान प्रधानमंत्री हैं, 2015 से सत्ता में हैं और इस रविवार को सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नए नेता द्वारा उनकी जगह ली जाएगी।अंत में उन्होंने कहा, "हम कनाडाई हैं। हम लड़ेंगे और हम जीतेंगे।"

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